- पीएम मोदी और ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई, एजेंडे पर जी 7 और चीन
- ट्रंप ने जी 7 के विस्तार और भारत को शामिल करने पर दिया बल
- पीएम मोदी ने कहा इससे ट्रंप की दूरदर्शिता नजर आती है
नई दिल्ली। इस समय दुनिया कोरोना से तबाह है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है इस पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन इन सबके बीच भारत-चीन सीमा पर तनाव है। पिछले महीने सिक्किम में चीन की तरफ से नापाक हरकत की गई तो उसके बाद लद्दाख में एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प हुई और बाद में चीन ने पांच हजार सैनिकों को तैनात कर दिया। भारत ने भी देरी नहीं की और अपने सैनिकों की तैनाती कर साफ कर दिया कि अगर बात कूटनीति से नहीं सुलझी तो आगे जो बेहतर रास्ता होगा उसे अमले में लाया जाएगा। अमेरिका ने भी चीन से कहा है कि वो टकराव का रास्ता छोड़कर अंतरराष्ट्रीय कायदे कानून में भारत के साथ बात करे।
दुनिया के दो दिग्गजों में बातचीत
मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत हुई जिसमें उन्होंने भारत को जी-7 समिट में शामिल होने का मौका दिया। यहां यह समझना जरूरी है कि जी-7 दुनिया के सात शक्तिशाली देशों का समुह है। इस बातचीत के बारे में भारत सरकार का कहना है कि ट्रंप ने कहा कि वो मानते हैं कि जी-7 का विस्तार होना चाहिए और उसमें भारत जैसे कुछ महत्वपूर्ण देशों की भी भागीदारी होनी चाहिए।
जी-7 के लिए भारत को न्यौता, नए समीकरण के आसार
पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि वो ट्रंप की दूरदृष्टि से प्रभावित हैं क्योंकि वो समझ रहे हैं कि वैश्विक हित में जी-7 जैसे फोरम का विस्तार कितना जरूरी है। पोस्ट कोविड 19 के बाद जो तस्वीर सामने आएगी उसमें भारत, अमेरिका के साथ मिलकर काम करेगा और यह दोनों देशों के लिए बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में न जानें कितनी चुनौतियां हैं तो असवर भी है। हम एक साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
बातचीत में अमेरिकी में हिंसा पर चर्चा
आमतौर पर आपने सुना और देखा होगा कि दुनिया के किसी भी मुल्क में जब कुछ होता है कि तो अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आती है। यह मतलब नहीं होता है कि उसका अमेरिका से कोई लेना देना है या नहीं। लेकिन इस समय अमेरिका में तनाव है कि कोरोना के साथ साथ तीन दिन पहले एक अश्वेत नागरिक को जब श्वेत पुलिस अधिकारी ने गोली मारी तो अमेरिका जल उठा था। डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षा के लिहाज से बंकर में शरण लेनी पड़ी। ट्रंप के साथ बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां के हालात के बारे में पूछा।