- भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी है तनाव
- भारत ने चीन के बराबर सैनिकों की तैनाती की, नौसेना की टीम पहुंची लद्दाख
- एलएसी पर दोनों देशों के बीच पिछले काफी समय से बना हुआ है तनाव
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख की एलएसी पर स्थित तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन के आक्रामक रूख का जवाब भारत की तरफ से भी आक्रामकता के साथ दिया जा रहा है। चीन के आक्रामक रवैये का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने भी पूर्वी लद्दाख में अपने सैनिकों, वाहनों और तोपों की संख्या बढ़ा दी है और अब नौसेना की एक टीम भी लद्दाख पहुंच गई है। इस टीम में चार सदस्य हैं जो पैंगोग त्सो लेक पहुंचे हैं। करीब एक हफ्ते पहले यह टीम पूर्वी लद्दाख में गई थी और अभी भी वहीं मौजूद है।
नेवी की बोट में सवार होकर पेट्रोलिंग करती है आर्मी
एनबीटी की खबर के मुताबिक, भारतीय नौसेना आर्मी के साथ पैंगोंग त्सो एरिया में पेट्रोलिंग करती है। नेवी की बोट के जरिए आर्मी सवार होकर अपने इलाके में लगातार गश्त करती है। दरअसल जब से एलएसी पर तनाव शुरू हुआ है तो उसी दौरान चीन ने पैंगोग त्सो लेक में अपनी पेट्रोलिंग बोट्स की संख्या बढ़ा दी थी जिसके जवाब में भारत ने भी उसी हिसाब से अपनी बोट्स बढ़ा दी। पेंगोग झील का पश्चिमी भाग का 45 किलोमीटर का एरिया भारते के नियंत्रण में है जबकि दो तिहाई हिस्सा चीन के कब्जे में है। यह लेक 135 किलोमीटर लंबी है।
तीन हफ्तों से जारी है तनाव
दरअसल भारत और चीन की सेनाओं के बीच तीन हफ्ते से भी अधिक समय से पूर्वी लद्दाख के पैगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचक और दौलत बेग ओल्डी में तनाव जारी है और दोनों देशों की सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने हैं। पैगोंग सो के आसपास फिंगर इलाके में एक मुख्य सड़क निर्माण के अलावा गलवान घाटी में डारबुक-श्याओक-दौलत बेग ओल्डी के बीच सड़क निर्माण पर चीन के कड़े विरोध के बाद गतिरोध शुरू हुआ।
चीन से पीछे नहीं है भारत
पैंगोग त्सो के बारे में कहा जाता है कि यहां शुरूआत से ही भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होते रही है। जब से भारतीय सैनिकों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस और नाइट विजन डिवाइस लगी हुई बोट मिली हैं तब से चीन को और ज्यादा टक्कर मिली है। इस अत्याधुनिक बोट में एक समय में 16 से 17 सैनिक सवार हो सकते हैं। 2000 में चीन ने भारतीय पेट्रोलिंग बोट को टक्कर मारी थी और 20 चीनी सैनिक भारतीय सीमा के भीतर लगभग 10 किलोमीटर अंदर तक आ गए थे। लेकिन आज हालात बिल्कुल उलट हैं और चीन को टक्कर मिल रही है जिससे वो बौखलाया हुआ है।