- गुजरात के गांधीनगर में हुए कार्यक्रम में पीएम ने कई प्रोग्राम्स किए लॉन्च
- समय संग जो आधुनिक तकनीक नहीं अपनाता, वह पीछे रह जाताः PM
- पीएम- DBT से आठ साल में 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक लाभार्थियों को मिले
Digital India Week 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत चीप टेकर (सस्ते में सामान खरीदने वाले मुल्क) से चीप मेकर (सस्ता सामान तैयार करने वाले देश) बनना चाहता है। अपने यहां सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए तेजी से निवेश बढ़ रहा है। ये बातें उन्होंने सोमावार (चार जुलाई, 2022) को गुजरात के गांधीनगर में डिजिटल इंडिया वीक 2022 के दौरान कहीं। उन्होंने इस कार्यक्रम में इंडियास्टैक ग्लोबल, माईस्कीम, मेरी पहचान-नेशनल सिंगल साइन ऑन, डिजिटल इंडिया भाषिणी और जेनेसिस सरीखे प्रोग्राम्स का उद्घाटन किया।
टेक्नोलॉजी का सही यूज़ इंसानियत के लिए क्रांतिकारी: अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा- आज का यह कार्यक्रम 21वीं सदी में लगातार आधुनिक होते भारत की एक झलक लेकर आया है। तकनीक का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है, इसका उदाहरण भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के तौर पर पूरे विश्व के सामने रखा है। मुझे खुशी है कि आठ साल पहले शुरू हुआ यह अभियान बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार दे रहा है। हर साल डिजिटल इंडिया अभियान में नए आयाम जुड़े हैं और नई तकनीक का समावेश हुआ है। आज जो नए प्लेटफार्म और प्रोग्राम लॉन्च हुए हैं, वे इसी श्रृंखला को आगे बढ़ा रहे हैं।
चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत दुनिया को दिशा दे रहा- PM: उन्होंने बताया कि इनका बड़ा फायदा भारत के बड़े इकोसिस्टम को होगा। समय के साथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है, लेकिन आज भारत चौथी औद्योगिक क्रांति इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।
बोले पीएम मोदी- भारतीय स्टार्ट-अप्स के लिए ये होंगे "बूस्टर": उनके मुताबिक, आज जो भी प्रोग्राम लॉन्च किए गए हैं, उनकी वजह से कारोबार करने और जीवन जीने में और आसानी होगी। वे भारत के स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम को एक तरह से रफ्तार देंगे...हिंदुस्तान गर्व से यह कह सकता है कि भारत केवल उद्योग 4.0 क्रांति (Industry 4.0 Revolution) का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह असल में इसका नेतृत्व कर रहा है।
"डीबीटी ने गलत हाथों में जाने से बचाए हजारों करोड़ रुपए": बकौल प्रधानमंत्री, "बीते आठ सालों में 23 लाख करोड़ से अधिक की रकम लाभार्थियों के खातों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर (DBT) के माध्यम से पहुंचाई गई। इस तकनीक की वजह से देश के दो लाख 23 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।"
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हर मिनट में एक लाख 30 हज़ार से अधिक UPI ट्रांसजेक्शनः पीएम ने यह जानकारी भी दी कि इसी साल मई महीने में भारत में हर मिनट में एक लाख 30 हज़ार से अधिक UPI ट्रांसजेक्शन हुए हैं, जबकि प्रति सेकंड 2,200 ट्रांजैक्शन हुए। उनके अनुसार, "गांव में सैंकड़ों सरकारी सेवाएं डिजिटली देने के लिए आठ साल में चार लाख से अधिक नए कॉमन सर्विस सेंटर जोड़े जा चुके हैं। आज गांव के लोग इन केंद्रों से डिजिटल इंडिया का लाभ ले रहे हैं। आठ साल पहले इंटरनेट डेटा के लिए जितने पैसे खर्च करने पड़ते थे, उससे कई गुना कम यानी एक प्रकार से नगण्य में आज उससे भी बेहतर इंटरनेट डेटा सुविधा मिल रही है।"
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ये चीजें कीं लॉन्च:
- http://IndiaStack.Global
- MyScheme
- 'Meri Pehchaan - National Single Sign-On'
- Digital India Bhashini
- Digital India Genesis
- Chips to Startup (C2S) Programme
और किस टारगेट पर काम कर रहा भारत?: उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल भारत अगले तीन-चार साल में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। भारत चीप टेकर से चीप मेकर बनना चाहता है। सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।