- कृषि कानून के खिलाफ किसान पिछले 32 दिन से आंदोलन पर हैं
- कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने की कर रहे हैं मांग
- केंद्र सरकार ने किसानों के सामने बातचीत का रखा है प्रस्ताव
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन पिछले 32 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि वो सभी विषयों पर बातचीत के लिए तैयार है लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इन सबके बीच राजस्थान शिक्षक संघ आंदोलन में शामिल हो चुकी है।
कांग्रिसियों जागो और हलचल में शामिल हो
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान के किसान खेत कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसान निर्दोष हैं, लेकिन कांग्रेसी भी सो रहे हैं। जागो, हलचल में शामिल हों और इन कानूनों के खिलाफ आवाज उठाएं।
किसानों के मुद्दे पर केंद्र पूरी तरह संवेदहीन
दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील नहीं है। नरेंद्र मोदी को सिर्फ कुछ उद्योगपतियों की चिंता है तो दूसरी तरफ शिवराज सिंह सरकार भी उसी नक्शेकदम पर है। मध्य प्रदेश में किसानों की दशा और दिशा किसी से छिपी नहीं है। ऐसे माहौल में जब जनमत मौजूगा केंद्र सरकार के खिलाफ है कि जमीन पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को आवाज बुलंद करने की जरूरत है।