बिहार में नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में आज सातवीं बार शपथ लेंगे, इसको लेकर तैयारियां की गई हैं इस सबके बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि वो शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। चुनाव परिणाम आने के बाद तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के 20 उम्मीदवारों को हरवाने का आरोप लगाया। महागठंधन को इस चुनाव में 110 सीटें मिली हैं वहीं बिहार राजद अध्यक्ष ने इसको लेकर विवादित बयान देते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बायकॉट करने को सही ठहराया है।
राजद ने कहा कि पार्टी कठपुतली सरकार के शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, छात्रों, युवाओं, संविदा कर्मियों, नियोजित शिक्षकों, स्वयं सहायता समूहों से पूछे कि उन पर क्या गुजर रही है?
बिहार राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है- पहले तो इनका अस्तित्व नहीं था, ये भाजपा की कठपुतली बनकर रहेंगे,ये मतदाताओं के द्वारा उत्पन्न सरकार नहीं है..
वहीं राजद के अलावा महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और भाकपा माले ने भी कहा है कि वे नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी राजद के स्टैंड के बाद कांग्रेस ने भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। विपक्षी दलों के समारोह में शामिल न होने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान होना चाहिए। यह जनादेश एनडीए के विकास कार्यों एवं 'जंगलराज' की वापसी रोकने के लिए है।
'बिहार में दो मजबूरों की मजबूर सरकार बन रही है'
इसके अलावा राजद की ओर से किए गए एक ट्वीट में लिखा गया है, 'बिहार में दो मजबूरों की मजबूर सरकार बन रही है। एक शक्तिविहीन, शिथिल और भ्रष्ट प्रमाणित हो चुके मजबूर मुख्यमंत्री। दूसरा चेहराविहीन और तन्त्र प्रपंच को मजबूर वरिष्ठ घटक दल। इनकी मजबूरी है - राजद का जनाधार और तेजस्वी यादव को अपना सर्वाधिक प्रिय नेता स्वीकार कर चुका बिहार।'