तमिलनाडु से DMK सांसद ए राजा ने रविवार को 'अलग तमिलनाडु' की मांग को हवा देते हुए एक नया विवाद खड़ा कर दिया। अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देने वाले इस बयान की विपक्ष के कई लोगों ने आलोचना की है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि जब ये बयान दिया गया तब मंच पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी थे।
नमक्कल में डीएमके के स्थानीय निकाय कार्यकर्ताओं के लिए एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजा ने कहा कि मैं केंद्र से हमें स्वायत्तता प्रदान करने का आग्रह करता हूं। हम अपनी लड़ाई तब तक नहीं रोकेंगे जब तक तमिलनाडु को राज्य की स्वायत्तता नहीं मिल जाती।
उन्होंने कहा कि उनके वैचारिक नेता पेरियार ने भारत से अलग तमिलनाडु की वकालत की थी। हालांकि, हमने लोकतंत्र और भारत की एकता के लिए उस मांग को अब तक अलग रखा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि हमें मांग को पुनर्जीवित करने के लिए मजबूर न करें। कृपया हमें राज्य की स्वायत्तता दें।
राजा ने कहा कि उनकी मांग को केंद्र ने आर्थिक और साथ ही रोजगार के अवसरों के मामले में भी पीछे छोड़ दिया है। जब तक हम भारत में हैं तमिलों को कोई आर्थिक विकास नहीं मिलेगा और न ही नौकरियों में कोई हिस्सा होगा। हम यहां अहंकार के साथ यह नहीं कह रहे हैं कि हम तमिलनाडु में शासन करते हैं। DMK ने अलग तमिलनाडु की मांग को छोड़ दिया है और अब राज्य की स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं। हमारे दर्शन के जनक पेरियार ने अपनी मृत्यु तक एक अलग तमिलनाडु की मांग की। हमारे सीएम (एमके स्टालिन) अन्ना (अन्नादुरई) के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं, हमें पेरियार का रास्ता मत चुनने दीजिए। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमें राज्य की स्वायत्तता दें।
अलग तमिलनाडु पर ए राजा के बयान पर द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि हताशा में उन्होंने बयान दिया क्योंकि वे हमें अधिकार नहीं दे रहे हैं। हम राज्य कैसे चलाते हैं? उन्होंने जीएसटी के माध्यम से कर लगाने की शक्ति ले ली है। हमें बजट को जाने बिना अपने खर्च पर फैसला करना होगा।