- वित्त, गृह और विदेश में से किसी एक संसदीय समिति का अध्यक्ष कांग्रेस सांसद को बनाया जाए
- नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी की खास अपील
- संसदीय समितियों में होने वाली कार्यवाही पर विपक्ष उठा चुका है ऐतराज
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर संसदीय परंपराओं का अपमान करने और संसदीय समितियों को मजाक का विषय बनाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि प्रमुख विपक्षी दल होने के चलते उसे वित्त, गृह, विदेश और रक्षा संबंधी संसदीय समितियों में से कम से कम एक की अध्यक्षता दी जाए।लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिरला को लिखे नए पत्र में यह भी कहा कि समितियों के संदर्भ में सरकार ने एकतरफा फैसले किए हैं और प्रमुख विपक्षी दल का अपमान किया है।
संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस से ली जा रही वापस
चौधरी ने इससे पहले 21 सितंबर को भी बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस से वापस ली जा रही है।उन्होंने 24 सितंबर के पत्र में कहा कि वो पहले के पत्र के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।हालांकि मुझे मौखिक रूप से बताया गया कि सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति के संदर्भ में सरकार का फैसला बदलने वाला नहीं है। बिना किसी उचित कारण के लिए गए इस एकतरफा निर्णय को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराता हूं।
सरकार को निष्पक्ष आवाज से परहेज
चौधरी ने दावा किया कि अगर सूचना प्रौद्योगिकी समिति के प्रमुख (शशि थरूर) स्वतंत्र होकर काम करते हैं और समिति एक स्वतंत्र आवाज को प्रकट कर रही है तथा सरकार इसे स्वीकार नहीं कर पा रही है तो इसका मतलब यह है कि वह संसदीय समितियों को मजाक का विषय बना रही है।उन्होंने बिरला से आग्रह किया कि अगर सरकार सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति की अध्यक्षता हमें नहीं देने को अडिग है तो एक प्रमुख विपक्षी दल होने के कारण हम चाहते हैं कि वित्त, गृह, विदेश और रक्षा संबंधी संसदीय समितियों में से कम से कम एक की अध्यक्षता हमें दी जाए।
आखिर सरकार को क्यों हो रही है दिक्कत
कांग्रेस नेता के अनुसार पिछली लोकसभा में जब कांग्रेस के 44 सदस्य थे तो उस वक्त पार्टी के नेता आनंद शर्मा गृह, वीरप्पा मोइली वित्त और शशि थरूर विदेश संबंधी स्थायी समितियों की अध्यक्षता कर रहे थे। अब लोकसभा में कांग्रेस के 53 सांसद हैं और इन समितियों में से एक की भी अध्यक्षता सरकार उसे नहीं दे रही है। चौधरी ने यह नया पत्र उस वक्त लिखा है कि जब हाल ही में सूत्रों ने कहा था कि कांग्रेस के हाथ से संसद की दो महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता निकल सकती है जिसमें गृह मामलों से संबंधित समिति और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति शामिल है।