- सरकारी दौरे पर मंत्री फिजुलखर्ची से बचें
- निजी होटलों की जगह सरकारी गेस्ट हाउस का करें इस्तेमाल
- दौरों के वक्त अनावश्यक स्टॉफ ना ले जाएं
योगी आदित्यनाथ अपने दूसके कार्यकाल में पहले की तुलना में कुछ ज्यादा सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने मंत्रियों को साफ निर्देश दिए हैं कि सरकार आम लोगों तक सुलभ हो। लोग अपनी दिक्कत और परेशानी को बिना किसी भय के रख सकें यह ज्यादा जरूरी है। सरकार की योजनाएं आन लोगों तक बिना किसी दिक्कत तक पहुंच सके। इसका ध्यान रखना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जब वो लखनऊ से बाहर दौरे पर जाएं तो दिखावेबाजी ना हो। मंत्रियों को दिखावे से बचने की जरूरत है।
मंत्रियों को निर्देश
- अपने परिवार के सदस्यों को निजी सचिव ना बनाएं
- दौरे में निजी होटलों में ना रुके
- सरकार गेस्ट हाउस में रुकें
- गैरजरूरी स्टॉफ को दौरे में ना ले जाएं।
- बैठकों के दौरान मंत्री दिखावे से बचें।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि मंत्रियों से संबंधित निर्देश से पहले जिस तरह से योगी सरकार ने अफसरों पर नकेल कसने की कोशिश की है उसे समझने की जरूरत है। विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अब बीजेपी के लिए 2024 मुख्य टारगेट है। पार्टी के रणनीतिकारों की कोशिश है कि सरकार के स्तर पर जनमानस में यह संदेश जाए कि उनके लिए विकास कार्य और सरकारी योजनाओं का जमीन तक पहुंचना ही मुख्य काम है। जिस तरह से लंच ब्रेक और अनुशासन संबंधित दूसरे निर्देशों को अमल में लाए जाने के निर्देश दिए गए हैं उससे साफ है कि मंत्री हो संतरी हर किसी को अनुशासन के दायरे में रहना ही होगा। सरकार का मानना है कि कार्यपद्धति में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है ताकि जनमानस को बताया जा सके कि बीजेपी दूसरे दलों से अलग क्यों है।