- रोप-वे दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए समिति गठित करने का ऐलान।
- झारखंड हाई कोर्ट 26 अप्रैल को मामले पर करेगा सुनवाई।
- झारखंड सरकार ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं।
Jharkhand Ropeway Accident: झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर स्थित रोपवे में हुए हादसे लोगों को बचाने का अभियान मंगलवार को खत्म हो गया। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि 12 लोग घायल हुए है। पीड़ितों के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुआवजे का ऐलान किया है। इसके तहत मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये और घायलों को निशुल्क इलाज देने का ऐलान किया है।
दर्ज होगी एफआईआर
सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने त्रिकूट पर्वत पर हुई रोपवे दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए समिति गठित करने तथा गठित समिति में रोप-वे से संबंधित विशेषज्ञों को भी शामिल किए जाने का निर्देश दिया है। साथ ही रोप-वे हादसे को लेकर एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
देवघर रोप-वे हादसे का हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, 26 अप्रैल को करेगा सुनवाई
हाई कोर्ट में 26 अप्रैल को होगी सुनवाई
इस बीच मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट ने हादसे पर स्वत: संज्ञान लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं। और पूरे मामले पर वह 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इसके अलावा उसने राज्य सरकार को हाई कोर्ट में सुनवाई के पहले हलफनामे के जरिए एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने की बात की है। जिससे कि दुर्घटना के कारणों और दूसरी जरूरी चीजों का पता चल सके।
कैसे हुआ हादसा
देवघर में दस अप्रैल की शाम त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोप-वे की केबल कारों में हुई टक्कर के बाद 48 पर्यटक फंस गए थे। बाद में तीन दिन चले ऑपरेशन के बाद सेना, एनडीआर, आईटबीपी आदि की मदद से 1500 से 2000 फीट की उंचाई पर 25 केबल कारों में फंसे 48 लोगों में से 46 को बचा लिया गया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि 12 अन्य घायल हो गये जिनमें से दो की मौत हेलीकॉप्टर से बचाये जाने के दौरान नीचे गिर जाने से हुई।