नई दिल्ली: बच्चों के टीकाकरण को लेकर एक अच्छी खबर आई है। कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के अंत तक या अगस्त में हम 12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू कर सकते हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में कहा कि भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला द्वारा विकसित एक नई कोरोना वायरस वैक्सीन जल्द ही 12-18 वर्ष की आयु के लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
नोवावैक्स का चल रहा ट्रायल
वहीं पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने नोवावैक्स के प्रोटीन आधारित वैक्सीन कोवोवैक्स का निर्माण शुरू कर दिया है। कंपनी जुलाई से बच्चों के लिए नोवावैक्स का क्लीनिकल टेस्ट भी शुरू करेगी। हाल ही में जारी चरण -3 टेस्टों में कोवोवैक्स ने कोविड -19 के खिलाफ कुल मिलाकर 90 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है। यूएस-आधारित टेस्टों ने मध्यम और गंभीर बीमारी के खिलाफ दो-शॉट टीके को 100 प्रतिशत सुरक्षा का भी प्रदर्शन किया। एसआईआई के चरण -2 और 3 क्लिीनिकल ट्रायल को कथित तौर पर 920 बच्चों, 12-17 वर्ष और 2-11 वर्ष के समूहों में प्रत्येक में 460 बच्चों में आयोजित किया जाएगा।
बच्चों के लिए फाइजर सुरक्षित
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पास भी दो टीके हैं, जिन्हें बच्चों पर आजमाया जा रहा है, कोवैक्सिन और बीबीवी154, एक शॉट वाला नाक वाला टीका है। सरकार भारत में टीके लगाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना को कानूनी क्षतिपूर्ति प्रदान करने पर भी विचार कर रही है। फाइजर ने घोषणा की है कि इसका टीका 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है।
तीसरी लहर आने में समय
डॉ. एनके अरोड़ा ने ये भी कहा कि ICMR एक स्टडी लेकर आया है जिसमें कहा गया है कि तीसरी लहर देर से आने की संभावना है। हमारे पास देश में हर किसी का टीकाकरण करने के लिए 6-8 महीने का समय है। आने वाले दिनों में हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ खुराक देने का है।