जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने जम्मू हवाईअड्डे पर वायुसेना के अधिकारक्षेत्र वाले हिस्से में हुए दो धमाकों को आतंकवादी हमला करार दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस, वायुसेना और अन्य एजेंसियां हमले की जांच कर रही हैं। एयरपोर्ट पर वायुसेना के अधिकारक्षेत्र वाले हिस्से में बीती रात एक बजकर 40 मिनट पर विस्फोटकों से लदे दो ड्रोन गिरे जिससे छह मिनट के अंतराल पर दो धमाके हुए जिनमें वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गए।
शहर के सतवारी क्षेत्र में पहले विस्फोट से हवाई प्रतिष्ठान के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख का जिम्मा वायुसेना उठाती है और दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ। DGP दिलबाग सिंह ने बताया, 'जम्मू हवाई क्षेत्र में हुए दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन के इस्तेमाल से विस्फोटक सामग्री गिरने की आशंका। जम्मू पुलिस ने 5-6 किलोग्राम वजन का एक और आईईडी बरामद किया। यह IED लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव द्वारा प्राप्त किया गया था और इसे किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था।'
उन्होंने कहा कि इस रिकवरी से बड़ा आतंकी हमला टल गया है। पूछताछ के दौरान संदिग्ध को उठा लिया गया। इस नाकाम आईईडी विस्फोट के प्रयास में और भी संदिग्धों के पकड़े जाने की संभावना है। पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ जम्मू हवाई क्षेत्र में हुए विस्फोटों पर भी काम कर रही है। एफआईआर दर्ज कर जांच जारी है।
पाकिस्तान के आतंकवादियों ने संभवत: पहली बार ड्रोन के जरिए हमला किया है। आतंक रोधी जांच एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह ड्रोन किधर से आया और जांच में जुटे अधिकारी दोनों ड्रोन के हवाई मार्ग का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। जम्मू हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच हवाई दूरी 14 किलोमीटर है।
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया कि जम्मू वायुसेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में रविवार तड़के कम तीव्रता वाले दो विस्फोट होने की सूचना मिली। ट्वीट में कहा गया, 'इनमें से एक विस्फोट में एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा, जबकि दूसरा विस्फोट खुले क्षेत्र में हुआ। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। असैन्य एजेंसियों के साथ मिलकर जांच की जा रही है।'