नई दिल्ली: कोविड 19 टीकाकरण अभियान को लेकर भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। देश में डोर-टू-डोर कोविड 19 वैक्सीन लगेगी। लोगों को घर-घर जानकार वैक्सीन लगाई जाएगी। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत में डोर टू डोर कोविड टीकाकरण की अनुमति दी गई है। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि हम उन लोगों के लिए घर पर टीकाकरण शुरू कर रहे हैं जो टीकाकरण केंद्रों में जाने में सक्षम नहीं हैं। एडवाइजरी जारी की गई है। एसओपी का पालन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कोविड एसओपी के अनुरूप अशक्त और चल-फिर नहीं सकने वाले लोगों के लिए 'घर पर टीकाकरण' की व्यवस्था करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है। लगभग 2/3 वयस्क आबादी को एक टीका लगाया गया है। 18+ आयु वर्ग के 66% लोगों ने कम से कम एक खुराक प्राप्त की, लगभग एक चौथाई वयस्क आबादी ने दोनों खुराक प्राप्त की, यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
कुछ राज्यों में सफल टीकाकरण
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि 66% 18+ आबादी को कोविड टीकों की कम से कम एक खुराक मिल गई है; 23% 18+ आबादी ने दोनों खुराक प्राप्त की हैं। कुछ राज्यों के जबरदस्त काम के कारण हम यह हासिल कर पाए हैं। छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी 100% आबादी को पहली खुराक दे दी है। ये लक्षद्वीप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सिक्किम हैं। चार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहली खुराक का 90% से अधिक कवरेज है- ये दादरा और नगर हवेली, केरल, लद्दाख और उत्तराखंड हैं।
केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले घटने के बावजूद अब भी हम महामारी की दूसरी लहर के बीच में हैं। केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है; पिछले हफ्ते सामने आए कुल मामलों में 62.73 प्रतिशत इसी राज्य से थे। 33 जिलों में साप्ताहिक स्तर पर कोविड-19 के 10 प्रतिशत से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं, जबकि 23 जिलों में 5 से 10 प्रतिशत मामले सामने आ रहे हैं। त्योहारों के लिए कोविड दिशानिर्देशों के तहत, निरूद्ध क्षेत्रों में और पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में लोगों के जमावड़े को रोका जाए।