- नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की देश भर में छापे की कार्रवाई
- दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस के दफ्तर में ईडी के अधिकारी पहुंचे
- डोटेक्स एवं सुनील भंडारी के ठिकानों पर भी जांच एजेंसी का छापा
ED Raid on Herald house : नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस में रेड किया। दिल्ली के अलावा देश भर में करीब 12 जगहों पर ईडी ने छापा मारा है। दिल्ली में ईडी के जांच अधिकारी हेराल्ड हाउस के दफ्तर में है और दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। दिल्ल, कोलकाता सहित 12 जगहों पर छापे की कार्रवाई हो रही है। कोलकाता में डोटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी के ठिकानों पर छापा पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि राहुल और सोनिया गांधी से पूछताछ में एनआईए को जिन सवालों का जवाब नहीं मिला था, अब जांच एजेंसी उन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए इन जगहों की तलाशी ले रही है।
कर्ज लेने-देने को लेकर स्थिति साफ नहीं
दरअसल, नेशनल हेराल्ड केस में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है। इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी दोनों से पूछताछ कर चुकी है। सोनिया से पूछताछ में ईडी ने सवाल किया था कि एजेएल के अधिग्रहण में 90 करोड़ रुपए के कर्ज का जिक्र क्यों नहीं है और डोटेक्स कंपनी की ओर से दिए गया एक करोड़ रुपए का कर्ज किस रूप में लिया गया था, इस बारे में भी सवाल हुए थे। सूत्रों का कहना है कि सोनिया ने इस बारे में जांच एजेंसी को बताया कि इन सब बातों की जानकारी उन्हें नहीं बल्कि मोतीलाल वोरा को थी।
मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही ईडी
ईडी को शक है कि डोटेक्स कंपनी ने एक करोड़ रुपए का लोन जो यंग इंडियन को दिया वह मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है। अध्रिग्रहण में यंग इंडियन कंपनी को एजेएल के 9 करोड़ शेयर मिले। सोनिया एवं राहुल दोनों ने कहा है कि कंपनी के अधिग्रहण में पैसों की लेन-देन का पूरा मामला मोतीलाल वोरा देखते थे। यंग इंडियन के चार शेयर होल्डर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नीडीज थे। सोनिया और राहुल के पास कंपनी के 76 फीसदी शेयरों की हिस्सेदारी थी। नेशनल हेराल्ड ने अपना लोन चुकाने के लिए कांग्रेस से 90 करोड़ रुपए का लोन लिया लेकिन बाद में पार्टी ने इस लोन को माफ कर दिया।