Jharkhand: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के प्रयास का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस पर पलटवार किया। झारखंड के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने रांची में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें पश्चिम बंगाल में भारी मात्रा में कैश के साथ गिरफ्तार किए गए तीन विधायकों पर झारखंड सरकार को गिराने के लिए असम के सीएम और बीजेपी के बड़े नेताओं के इशारे पर उन्हें रिश्वत देने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।
एफआईआर पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का पलटवार
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उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक इरफान अंसारी, नमन बिक्सल कोंगारी और राजेश कच्छप ने उन्हें झारखंड में नई सरकार में मंत्री पद के साथ 10 करोड़ रुपए की पेशकश की थी। वहीं एफआईआर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कह कि झारखंड में फर्जी एफआईआर। उन्होंने कहा कि तथाकथित एफआईआर ऐसा लग रही है कि कांग्रेस ओटावियो क्वात्रोची को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कह रही है।
असम के मंत्री पीजूष हजारिका ने भी आरोपों को बताया झूठा
इस बीच असम के मंत्री पीजूष हजारिका ने भी आरोपों को झूठा बताया और कहा कि जयमंगल और सरमा के बीच बैठक पूरी तरह से अलग मामले पर हुई थी। हजारिका ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने फर्जी आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए 3 विधायकों ने उन्हें असम के सीएम से मिलने का लालच दिया।
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उन्होंने दावा किया कि मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज करने से 5 दिन पहले मुख्यमंत्री सरमा उन्हें अपने ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए 26 जुलाई को केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के घर पर ले गए थे। उन्होंने कहा कि तब जयमंगल नियमित रूप से असम के सीएम सरमा से मिलते रहे हैं और उन्हें असम के सीएम और उन आदिवासी विधायकों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाने के लिए कानून का सामना करना चाहिए।
वहीं पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार झारखंड के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के पिता फुरकान अंसारी ने कहा कि 16 लाख रुपए कोई बड़ी रकम नहीं है। उन्होंने कहा कि इरफान नियमित कामकाज के तहत कारोबार से जुड़ी खरीदारी करने कोलकाता जाते रहते हैं। करोड़ों रुपए की नकदी बरामद होने का आरोप गलत साबित हुआ। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए था।