मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब को तलब किया है। उन्हें 15 जून को जांच एजेंसी के सामने पेश होना होगा। मामला महाराष्ट्र के रत्नागिरी स्थित उनके दापोली रिसॉर्ट से जुड़ा है। तटीय नियामक क्षेत्र (CRZ) के नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए रिसॉर्ट के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।
ईडी ने हाल ही में परब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था और 26 मई को परब के दो आवासों सहित लगभग सात स्थानों पर तलाशी ली थी। उनके कुछ करीबी सहयोगियों से भी पूछताछ की गई थी। ईडी ने शिवसेना के दोनों नेताओं सदानंद कदम और संजय कदम से पूछताछ की थी। कदम शिवसेना के पूर्व सांसद रामदास कदम के भाई हैं, जो मुंबई के कांदिवली से अपना कारोबार चलाते हैं। संजय कदम केबल टीवी के बिजनेस में हैं।
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को भी अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया गया था। मार्च में छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने पाया कि परिवहन मंत्री अनिल परब ने 2017 में दापोली में एक करोड़ रुपए में जमीन खरीदी थी। 2019 में पंजीकृत इस भूमि को बाद में 2020 में सदानंद कदम को 1.10 करोड़ रुपए में बेच दिया गया था, जब उस जमीन पर एक रिसॉर्ट बनाया गया था।
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मामले से परिचित अधिकारियों ने कहा कि संबंधित पक्षों ने अधिकारियों को रिसॉर्ट के निर्माण की सूचना नहीं दी और केवल 2019 में और फिर 2020 में भूमि के पंजीकरण के लिए स्टांप शुल्क का भुगतान किया। आईटी विभाग को यह भी संदेह है कि दापोली में रिसॉर्ट के निर्माण पर 6 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए थे। हालांकि, निर्माण की लागत को न तो अनिल परब ने या सदानंद कदम ने अपने खातों की किताबों में शामिल किया। दापोली में परब द्वारा बनाए गए अवैध रिसॉर्ट को लेकर पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने अधिकारियों से कई शिकायतें की थीं।