10 जून यानि जुमे के दिन नमाज के बाद देश के कई शहरों में हिंसा हुई। नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर उत्पात मचा। लेकिन अब इस हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि भारत में हिंसा भड़काने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। हिंसा को लेकर ये चौंकाने वाला खुलासा डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर यानि DFRAC की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के करीब 7 हजार से ज्यादा ट्विटर अकाउंट्स के जरिए भारत में मुसलमानों को भड़काकर दंगे की साजिश रची।
DFRAC ने अपनी रिपोर्ट में 60 हजार से ज्यादा टि्वटर यूजर्स के नेचर ऑफ पोस्ट और कमेंट बिहेवियर की एनालिसिस की है। इसमें पाया गया कि इन 60 हजार में से ज्यादातर यूजर्स के नॉन वेरिफाइड अकाउंट्स थे, जिन्होंने इस मामले से जुड़े ज्यादातर हैशटैग में कमेंट किए थे।
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इन हैशटैग में कमेंट करने वालों में करीब 7,100 लोग पाकिस्तान के थे।
3,000 अकाउंट्स सऊदी अरब से थे।
2,500 अकाउंट्स भारत से
1,400 मिस्र से
और 1,000 से ज्यादा अमेरिका और कुवैत से थे।
जाहिर है, भारत का माहौल खराब करने के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। उसी के इशारे पर देश के शहरों में नफरत की नई लहर देखने को मिली। लेकिन पाकिस्तानी साजिश के तहत जिन लोगों ने बवाल काटा, अब उनपर एक्शन हो रहा है। अकेले यूपी में ही 300 से ज्यादा आरोपी गिरफ्त में आ जुके हैं।
पाकिस्तान के भड़काने पर हिंसा करने वालों पर एक्शन हो रहा है
आरोपियों का हिसाब हो रहा है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान की इस भड़काऊ टूलकिट की काट क्या है? इसे कैसे रोका जा सकता है? ताकि देश नफरत की आग में जलने से बच सके तो ये कोई पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान को जब भी मौका मिलता है, वो हिंदुस्तान का माहौल खराब करने की नापाक साजिश में जुट जाता है।इसके लिए उसने सोशल मीडिया को नया हथियार बना लिया है। इसीलिए आजकल देश में जब भी कोई दंगा या हिंसा होती है, तो अक्सर देखा गया है कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट से नफरत फैलाने की कोशिश की जाती है। पाकिस्तानी गैंग भारत के लोगों को बांटने या भड़काने की कोशिश करता है। चाहे वो पिछले शुक्रवार को हुई हिंसा हो या फिर कोई और हिंसा है। पाकिस्तान का हाथ किसान आंदोलन में भी आ चुका है।
हिंसा का पाकिस्तानी प्लान!-
1-जहांगीरपुरी हिंसा
2-किसान आंदोलन
3-2020 में दिल्ली हिंसा
4-अनुच्छेद 370 हटने पर
लेकिन सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान की ऐसी साजिश कामयाब क्यों और कैसे हो जाती है। जनता इस झांसे में फंसकर मारने या मरने पर उतारू कैसे हो जाती है। क्या लोग सोशल मीडिया पर लिखी गई बातों सही मान लेते हैं। इसपर हमने देश के लोगों से ओपिनियन लिया।
'पाकिस्तानी टूलकिट से हिंसा को भड़काया गया'
तो एक तरफ पाकिस्तानी टूलकिट से हिंसा को भड़काया गया तो दूसरी तरफ देसी टूल यानि अराजक तत्व भी नफरत की खेती करने में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज में जुमे के दिन हिंसा फैलाने के लिए करीब डेढ़ सौ गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। इसमें से ज्यादातर बाइक्स थीं। कई वाहनों के नंबर दूसरे जिलों से हैं। इससे ये जाहिर होता है कि बलवा करने वाले दूसरी जगहों से भी आए। इसी तरह रांची में गैंग्स ऑफ वासेपुर नाम से व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर उपद्रव के लिए भीड़ जुटाई गई। पुलिस के जांच में ये भी सामने आया है कि रांची में माहौल खराब करने के लिए यूपी के सहारनपुर से लोग गए थे।
'सोशल मीडिया के जरिए दंगे करवाने की पाकिस्तानी हरकत लगातार बढ़ती जा रही है'
तो सोशल मीडिया के जरिए दंगे करवाने की पाकिस्तानी हरकत लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में देश को, सुरक्षा एजेंसियों को ना सिर्फ अलर्ट होने की जरूरत है, बल्कि साइबर सुरक्षा को लेकर एक परमानेंट नीति पर काम करने की जरूरत है। ताकि देश के दुश्मन ऐसी साजिश ना रच पाएं। साइबर सुरक्षा को चाक चौबंद करने की इसलिए भी जरूरत है क्योंकि आजकल युद्ध सिर्फ जंग-ए-मैदान में ही नहीं लड़े जाते हैं। बल्कि वर्चुअल दुनिया में भी खतरनाक खेल खेला जा रहा है। जिसका काट भारत के पास होना नितांत जरूरी है।