- इकबाल मिर्ची ने सितंबर 1986 में खरीदी थीं सर मोहम्मद यूसुफ ट्रस्ट से जुड़ी तीन संपत्तियां
- संपत्तियों की पहचान सी व्यू मैरियम लॉज और राबिया मैंशन के रूप में हुई
- तीनों संपत्तियों को 2010 में 225 करोड़ रुपये में एक फर्म को बेचा गया था
मुंबई: दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारत और ब्रिटेन में ऐसी संपत्तियों की पहचान की है जो मोस्ट वांटेड आतंकी के करीबी सहयोगियों की हैं। ये संपत्तियां मेमन इकबाल मोहम्मद उर्फ इकबाल मिर्च की हैं। ईडी ने शुक्रवार को लंदन में 2013 में आखिरी सांस लेने वाले मिर्ची के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान हारून अलीम यूसुफ और रणजीत सिंह बिंद्रा के रूप में हुई थी और जिन्हें जांच में सहयोग नहीं करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
मिर्ची ने सर मोहम्मद यूसुफ ट्रस्ट से संबंधित वर्ली स्थित तीन संपत्तियों को सितंबर 1986 में अपनी कंपनी रॉकसाइड एंटरप्राइज के जरिए से 6.5 लाख रुपये में खरीदा था। इन संपत्तियों की पहचान सी व्यू मैरियम लॉज और राबिया मैंशन के रूप में की गई है।
तीनों संपत्तियों को 2010 में 225 करोड़ रुपए में एक फर्म को बेच दिया गया था और ईडी का मानना है कि गैंगस्टर ने संपत्ति बेचने के बाद मिली राशि से दुबई में एक पांच सितारा होटल खरीदा था।
मुंबई में हत्या, हत्या के प्रयास, आपराधिक धमकी, जबरन वसूली और नशीले पदार्थों सहित दर्जन भर मामलों में मिर्ची की तलाश पुलिस को थी। हालांकि, 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों में वह आरोपी नहीं था। मिर्ची धमाकों के बाद दुबई भाग गया था और अपना नया ठिकाना में बना लिया था जहां 2013 में उसका निधन हो गया।
ED ने ब्रिटेन, साइप्रस, स्पेन, UAE, मोरक्को और तुर्की सहित भारत और विदेशों में मिर्ची के सौदे की जांच शुरू कर दी है। अप्रैल 1995 में, स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से इस खूंखार गैंगस्टर के घर पर छापा मारा गया था, जिसके बाद उसे नशीले पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
साल 2012 में उसे अपने भतीजे कादिर नदीम को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में 2012 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अपर्याप्त सबूत के कारण सभी आरोप हटा दिए गए थे।