- क्वारंटाइन करने के लिए चुनाव आयोग ने अमिट स्याही के इस्तेमाल की इजाजत दी
- लोग क्वारंटाइन की मुहर को आसानी से मिटा लेते थे
- कोरोना संंदिग्धों को अलग थलग करने के लिए इसका किया जा रहा था इस्तेमाल
नई दिल्ली। कोरोना के मामले जब देश में आने लगे तो स्क्रीनिंग के जरिए यह पता लगाने की कोशिश शुरु हुई कि कौन कोरोना का संदिग्ध है और उसे अपने घरों में रहना चाहिए। लेकिन देखा यह गया कि बहुत से ऐसे लोग थे जो होम क्वारंटाइन की मुहर के बाद भी वो सार्वजनिक जगहों पर घूमते नजर आए। इसकी चिंता महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी की थी।
क्वारंटाइन के लिए अब अमिट स्याही का इस्तेमाल
दरअसल यह भी शिकायतें आ रहीं थीं कि कुछ लोग क्वारंटाइन वाली मुहर को मिटा दे रहे हैं। इसके लिए चुनाव आयोग से अमिट स्याही के इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई थी। अब चुनाव आयोग ने भी अमिट स्याही के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि इसके लिए कई राज्य सरकारों की तरफ से अपील की गई थी। राष्ट्रहित में आयोग ने फैसला किया है।
बीएमसी ने क्वारंटाइन को बैज ऑफ ऑनर नाम दिया
मुंबई में कोरोना के संदिग्धों की पहचान के लिए या ऐसे लोग जिनसे कोरोना का संक्रमण फैल सकता था उसे अलग थलग करने के लिए क्वारंटाइन मुहर का इस्तेमाल किया गया। बीएमसी की तरफ से इसे बैज ऑफ ऑनर का नाम दिया गया था। लेकिन बहुत से ऐसे लोग थे जो घरों में रहने की जगह बाजारों में घूमते पाए गए। अगर महाराष्ट्र की बात करें तो सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर कोई नियम कानून का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।