- भारत में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की संस्तुति
- अंतिम फैसला सीडीएससीओ करेगा
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड का उत्पादन कर रहा है।
नई दिल्ली। देश की130 करोड़ आबादी के लिए खुशखबरी है। सर्च एक्सपर्च कमेटी ने कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की संस्तुति दे दी है, हालांकि अंतिम फैसला सीडीएससीओ को करना है। हालांकि आईएएनएस के मुताबिक ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली है। ड्रग रेगुलेटर के विशेषज्ञ पैनल की महत्वपूर्ण बैठक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर द्वारा मांगी गई कोरोनोवायरस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल पर मंजूरी देने पर उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।
एसईसी ने वैक्सीन पर विस्तार से की चर्चा
कंपनियों द्वारा प्रस्तुति दिए जाने के बाद पैनल में काफी लंबी चर्चा की गई और यह करीब तीन घंटे तक चली। SII की प्रस्तुति पर ध्यान केंद्रित किया गया था। सभी सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता की लंबाई पर चर्चा की गई। यूके के अध्ययन पर भी चर्चा हुई।यूके से कोरोना वैक्सीन के प्रभावी दक्षता से संबंधित जो डेटा थे उसमें पैनल का विशेष उत्साह था। पैनल ने वैक्सीन के लिए सभी संभावित प्रतिक्रिया पर भी चर्चा की, जो रोगियों के सामने दिक्कत पेश कर सकती है।
सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है कोविशील्ड
सीरम, जो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित 'कोविशिल्ड' वैक्सीन बना रहा है, और भारत बायोटेक, जिसने 'कोवैक्सीन' बनाने के लिए आईसीएमआर के साथ सहयोग किया था, ने 30 दिसंबर को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑगेर्नाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के समक्ष अपना डेटा प्रस्तुत किया था। अमेरिका की फाइजर ने अपना डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा था।
कई दौर की हुई थी बैठक
बुधवार को बैठक के बाद, विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि वे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा प्रस्तुत अतिरिक्त डेटा और जानकारी का विश्लेषण कर रहे हैं। अगली बैठक 1 जनवरी को निर्धारित की गई थी।केंद्र सरकार ने पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है।
फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन की WHO ने दी है अनुमति
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। इससे देशों को वैक्सीन को आयात करने और अपने देश में रेगुलेटरी एप्रूवल की प्रक्रियाओं में तेजी लाने की सुविधा मिल गई है। कई देश टीके की मंजूरी के लिए अपने रेगुलेटरी सिस्टम पर भरोसा करते हैं, वहीं कुछ देश अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए बहुत हद तक डब्ल्यूएचओ पर निर्भर हैं।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने से यूनिसेफ और पूरे अमेरिका के हेल्थ ऑर्गनाइजेशन जरूरतमंद देशों के लिए वैक्सीन की खरीदी करने में सक्षम हो जाएंगे।अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों ने पहले ही फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
वैसे डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मान्यता देने का यह पहला मौका है क्योंकि इस खतरनाक वायरस का प्रकोप एक साल पहले शुरू हुआ था।डब्ल्यूएसओ के असिस्टेंट डायरेक्टर मारियांगेला सिमाओ ने कहा, "पूरी दुनिया के लिए कोविड-19 वैक्सीन तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। लेकिन मैं इस बात पर जोर दूंगा कि हर जगह प्राथमिकता वाली आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराने के प्रयास हों।"