- गैंगस्टर के निशाने पर कबड्डी से जुड़े लोग और गायक।
- पुलिस के अनुसार अभी 30 गैंगस्टर उसकी गिरफ्त से बाहर हैं।
- पंजाब में जनवरी से मार्च के दौरान यानी 100 दिनों में 158 हत्याएं हुई हैं।
Sidhu Moose Wala Death latest Update:पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला ( Sidhu MooseWala) की हत्या ने एक बार फिर राज्य में गैंगस्टर (Gangster) की बढ़ती ताकत और कानून-व्यवस्था के मामले पर सवाल उठा दिए हैं। मूसेवाला के हत्या की जिम्मेदारी कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) ने ली है। गोल्डी, गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का करीबी है। और बिश्वनोई इस समय जेल में बंद है। कनाडा में बैठकर गोल्डी ने जिस तरह मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। और अगर उसको दावों को सही माना जाय तो यह साफ है कि विदेश से बैठकर मूसेवाला की हत्या की साजिश रची गई। और उसके लिए कनाडा से लेकर भारत में नेटवर्क का इस्तेमाल कर मूसेवाला को निशाना बनाया गया है। मूसे वाला की हत्या से यह भी साफ है कि पंजाब पुलिस का न केवल खूफिया तंत्र कमजोर हैं, बल्कि वह इन गैंगस्टर के आगे बेबस है। क्योंकि मूसेवाला की हत्या के एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने उसकी सुरक्षा कम कर दी थी।
राज्य में 545 गैंगस्टर , 100 दिन में 158 हत्याएं
राज्य में गैंगस्टर का नेटवर्क किस तरह फैल चुका है। इसका अंदाजा 11 अप्रैल को पंजाब पुलिस के डीजीपी वी.के.भावरा द्वारा दिए गए आंकड़ों से समझ आता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार भावरा ने कहा था 'पुलिस ने 545 गैंगस्टर की पहचान की है। जिन्हें A,B और C कैटेगरी के आधार पर बांटा गया है। और इनमें से अब तक 515 को पकड़ा जा चुका है। जबकि 30 गैंगस्टर अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।' 2 करोड़ की आबादी वाले पंजाब में अगर खुद पुलिस 500 से ज्यादा गैंगस्टर की बात स्वीकार कर रही है। तो साफ है कि राज्य में गैंगस्टरों का तंत्र काफी फैला हुआ है। क्योंकि हर गैंगस्टर के साथ उनके गुर्गे होते हैं। जो उनके लिए मूसेवाला की हत्या जैसे वारदातों को अंजाम देते हैं। डीजीपी वी.के.भावरा के अनुसार जनवरी से मार्च के दौरान यानी 100 दिनों में 158 हत्याएं हुई हैं। इसमें से 6 हत्याएं गैंगस्टर के जरिए की गई। राज्य में गैंगस्टर के खतरे का पंजाब पुलिस को भी अंदाजा है, इसीलिए अप्रैल में उनके खात्मे के लिए एक SIT का भी गठन किया गया है।
कौन है गोल्डी बराड़ और लारेंस बिश्नोई
गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर जारी की गई अपनी पोस्ट में खुद को और सचिन बिश्नोई , लॉरेंस बिश्नाई ग्रुप को मूसेवाला की हत्या में शामिल बताया है। रिपोर्ट्स के अनुसार गोल्डी बराड़ का असली नाम सतिंदर सिंह और वह इस कनाडा में बैठा है। और वह लारेंस बिश्वनोई ग्रुप के लिए काम करता है। लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह इस समय पंजाब में आतंक का पर्याय बना हुआ है। ऐसे माना जाता है कि उसके गैंग में सैंकड़ों शार्प शूटर शामिल हैं। यह गैंग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर में कई वारदातें कर चुका है। इसके अलावा ऐसी खबरें भी आई थी कि वह फिल्म रेडी की शूटिंग के दौरान अभिनेता सलमान पर भी हमले की योजना बना रहा था।
पुलिस का खौफ नहीं, गैंग वॉर का खतरा बढ़ा
मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब में गैंगवार की भी आशंका बढ़ गई है। ऐसा इसलिए हैं क्योकि मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी हुए गोल्डी बराड़ ने कहा कि हमने मोहाली में कत्ल किए विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लिया है। गोल्डी के इस बयान के बाद बंबीहा गैंग भी सामने आ गया है। वायरल फेसबुक पोस्ट में उसने कहा है कि मूसेवाला उनसे नहीं जुड़ा था। फिर भी उसका नाम हमारे साथ जोड़ा जा रहा है। इसलिए वह इसका बदला लेंगे। बंबीहा गैंग के इस बयान से यह साफ है कि दोनों गैंग को पुलिस का खौफ नहीं है। एक तरफ एक गैंग अपने साथी की हत्या का बदला लेने की बात कह रहा है तो दूसरा कह रहा है कि वह मूसेवाला की हत्या का बदला लेगा। ऐसे में गैंग वॉर शुरू होने का खतरा बढ़ गया है।
कबड्डी से जुड़ें लोग और गायक निशाने पर
अगर पिछली कुछ हत्याओं को देखा जाय तो साफ है कि गैंगस्टर के निशाने पर कबड्डी से जुड़े लोग और गायक निशाने पर हैं। मार्च में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाफी संदीप नंगल अंबियां की हत्या से साफ था कि करोड़ों रूपये की कबड्डी लीड में गैंगस्टरों का दखल बढ़ गया है। इसके अलावा साल 2018 में गायक परमीश वर्मा की हत्या, पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल से रंगदारी का मामला हो या फिर सिद्दध मूसेवाला की हत्या। इन सब मामलों में कही न कही रंगदारी का कनेक्शन हैं। जिसमें गिरोह वसूली का धंधा चला रहे हैं।
कौन से प्रमुख गैंगस्टर
जैसा कि डीजीपी भावरा ने खुद यह स्वीकार किया है कि अभी राज्य में 30 गैंगस्टर पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इससे साफ है कि अभी पंजाब में गैंगस्टर अपना नेटवर्क फैलाए हुएं हैं। और मूसेवाला की हत्या से ये सभी साफ हो गया है कि जो गैंगस्टर जेल में बंद हैं, वहीं भी अपने गुर्गों के जरिए बाहर हत्याएं कराने में सक्षम हैं। इस समय लारेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया जैसे प्रमुख गैंगस्टर के अलावा राज्य में दविंदर बंबीहा के एनकाउंटर के बाद भी बंबीहा गैंग सक्रिय है, और वह मूसेवाला की हत्या का बदला लेने की बात कर रहा है। इनके अलावा मल्ली गैंग का भी राज्य के कई इलाकों में आतंक है। इसी तरह प्रेमा लाहौरिया, सुक्खा काहलवां,जयपाल भुल्लर, रॉकी आदि गैंगस्टर के मारे जाने के बाद भी उसके गुर्गे सक्रिय हैं।