नई दिल्ली : सेना की मारक क्षमता में और इजाफा हुआ है। राजस्थान के पोखरण रेंज में शुक्रवार को मल्टी बैरल रॉकेट पिनाका के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एआरडीई प्रयोगशाला एवं पुणे स्थित एचईएमआरएल ने इसका डिजाइन किया है। यह सेना में एक दशक पहले से शामिल पिनाका का उन्नत संस्करण है। सेना की सामरिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पिनाका की मारक क्षमता को और बढ़ाया गया है।
पिनाका के 25 उन्नत रॉकेट्स के टेस्ट हुए
गुरुवार एवं शुक्रवार को अलग-अलग रेंज से पिनाका के 25 उन्नत रॉकेट्स के टेस्ट हुए। परीक्षण के दौरान रॉकेट्स ने सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदा। रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि पिनाका रॉकेट का यह उन्नत संस्करण 45 किलोमीटर तक लक्ष्य को निशाना बना सकता है।
भगवान शिव के धनुष के नाम पर हुआ नामकरण
गत जून महीने में भी डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण स्थल से पिनाका के उन्नत संस्करण का सफल परीक्षण किया था। इस मल्टी बैरल रॉकेट का नामकरण भगवान शिव के धनुष 'पिनाका' के नाम पर हुआ है। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाक मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था। इसके रॉकेट दुश्मनों पर आग का गोले बनकर टूटते हैं। यह बहुत ही सटीकता से दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करता है। इसकी मार से बचना काफी मुश्किल होता है।