family of Harishankar Tiwari Joined Samajwadi Party: पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी के परिवार ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है, आज लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर अखिलेश यादव की मौजदूगी में ये लोग सपा में शामिल हुए।
माना जा रहा है कि पूर्वांचल में सपा की ये बड़ी सेंध है और पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अब सपा के पास हरिशंकर तिवारी के परिवार का साथ है, इससे यहां के चुनावी समीकरण बदलेंगे और बसपा और बीजेपी को इससे फर्क पड़ेगा।
गौर हो कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरिशंकर तिवारी के पूरे कुनबे भाई कुशल तिवारी और गणेश पांडेय आदि को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था पूर्वांचल के जातिगत समीकरणों में इस परिवार का खासा दखल रहा है, और 80 के दशक में हरिशंकर तिवारी और वीरेन्द्र प्रताप शाही के बीच वर्चस्व की जंग में क्या कुछ नहीं हुआ ये सभी को पता है।
इस सीट से वह 6 बार विधायक चुने गए
हरिशंकर 1980 के दशक में अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा वह पहला चुनाव 1985 में जेल में रहते हुए गोरखपुर की चिल्लूपार विधान सभा सीट से जीते थे। इस सीट से वह 6 बार विधायक चुने गए।वह सपा, बीएसपी, बीजेपी और कांग्रेस में कई दफा मंत्री भी बने।
"इस बार जनता ने बाबा मुख्यमंत्री को फेल करने का मान बना लिया है"
अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि बीजेपी की सरकार में सभी लोग परेशान हैं। महंगाई लगातार बढ़ रही है और सरकार सवाल से बच रही है। अखिलेश यादव बरसते हुए कहा कि जो सरकार अपने 4.5 साल में संकल्प पत्र पर काम न किया हो वो क्या करेगी। इस बार जनता ने बाबा मुख्यमंत्री को फेल करने का मान बना लिया है। लखीमपुर कांड कौन भूल पाएगा साथ ही कहा कि कोरोना काल में जब शमशान घाट में लाशें जल रहीं थीं, तब यही सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए टीनें लगवा रही थी वहीं अखिलेश यादव ने कांग्रेस और बसपा के चुनावी टक्कर में होने के सवाल पर कहा कि लड़ाई अब एकतरफा है और सपा सरकार बना रही है।