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किसान-सरकार वार्ता: 4 में से दो मांगों पर बनी सहमति, कृषि कानूनों/MSP पर अब 4 जनवरी को बैठक  

Updated Dec 30, 2020 | 22:07 IST

विज्ञान भवन में छठे दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'आज की वार्ता काफी अच्छे माहौल में हुई और इसका समापन एक सकारात्मक बिंदु पर हुआ।

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किसान-सरकार वार्ता: 4 में से दो मांगों पर बनी सहमति, कृषि कानूनों/MSP पर अब 4 जनवरी को बैठक।

नई दिल्ली : किसान संगठनों और सरकार के बीच बुधवार को छठे दौर की वार्ता संपन्न हुई। इस बातचीत में किसानों की चार में से दो मांगों को पूरा करने के लिए सरकार तैयार हो गई जबकि दो मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। सरकार पराली कानून एवं बिजली मसौदा कानून पर किसान संगठनों की मांग पूरी करेगी जबकि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने एवं एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग पर सहमति नहीं बन पाई। अब चार जनवरी को इन दोनों मुद्दों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता होगी। दोनों पक्षों ने आज की बातचीत पर संतोष जाहिर किया। 

अच्छे माहौल में हुई वार्ता -तोमर
सूत्रों का कहना है कि तीन कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर वार्ता के लिए सरकार एक समिति बना सकती है। किसान नेताओं के साथ वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक 'सकारात्मक बिंदु' पर खत्म हुई। विज्ञान भवन में छठे दौर की वार्ता के बाद तोमर ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'आज की वार्ता काफी अच्छे माहौल में हुई और इसका समापन एक सकारात्मक बिंदु पर हुआ। दोनों पक्ष चार में से दो मुद्दों पर सहमत हुए हैं।' 

किसानों को सब्सिडी जारी रहेगी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, 'किसानों का मानना है कि बिजली कानून में यदि सुधार किया जाता है तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। किसान संघ चाहते हैं कि सिंचाई के लिए राज्य सरकारों की तरफ से किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी जारी रहे। इस मसले पर भी सहमति बनी है।' वहीं आज की वार्ता के बाद क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, 'तीन कृषि कानूनों पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है। हम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सहमति पर नहीं पहुंच सके। पराली जलाने के मसले पर सरकार किसानों को इससे बाहर रखने पर तैयार हो गई है। बिजली के मुद्दे पर सरकार पावर बिल 2020 वापस लेने के लिए तैयार हुई है।'

एमएसपी पर लिखित में भरोसा देने को तैयार सरकार
सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान सरकार ने किसान संघों से कहा कि वह तीन नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। मंत्रियों ने एमएसपी पर अपना प्रस्ताव दोहराते हुए इस पर लिखित में आश्वासन देने की बात कही। तोमर ने कहा कि सरकार ने भरोसा दिया है कि एमएसपी जारी रहेगी। हम लिखित में भरोसा देने के लिए तैयार हैं। ऑल इंडिया किसान सभा (पंजाब) के अध्यक्ष बालकरन सिंह बरार ने कहा, 'आज की बातचीत सकारात्मक हुई। सरकार हमेशा आंदोलन समाप्त करने और कमेटी बनाने की बात कहती आई है लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी है। हम अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। हम कोई समिति नहीं बनाएंगे। हम अगली बैठक में एमएसपी पर चर्चा करेंगे।'

नौ दिंसबर को होनी थी छठे दौर की वार्ता
बता दें कि किसान और सरकार के बीच छठे दौर की वार्ता नौ दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और किसान यूनियनों के कुछ नेताओं के बीच इससे पहले हुई अनौपचारिक बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने पर बैठक रद्द कर दी गई। शाह से मुलाकात के बाद सरकार ने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें नए कानून में सात-आठ संशोधन करने और एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने की बात कही गई थी। सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से इनकार कर दिया था।
 

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