- दिल्ली की सीमाओं पर तेज होता जा रहा है किसानों का आंदोलन
- आज पंजाब से करीब 700 वाहन दिल्ली के लिए होंगे रवाना
- पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर कड़ी की सुरक्षा
नई दिल्ली: दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद ढीला पड़ता नजर आ रहा किसान आंदोलन फिर से तेजी पकड़ने लगा है और पंजाब से किसानों के कई समूह राष्ट्रीय राजधानी की ओर रूख करने लगे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, कारों, बसों और परिवहन के अन्य साधनों सहित कम से कम 700 वाहनों का एक कारवां तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 'आंदोलन को तेज करने' के लिए रविवार को दिल्ली की टिकरी सीमा की ओर मार्च करेगा।
सिंघू बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा
वहीं शुक्रवार को हुई झड़पों के एक दिन बाद, सिंघू सीमा पर शुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और शनिवार को आंदोलनकारी किसानों के सबसे बड़े विरोध स्थल को एक किले में तब्दील कर दिया गया। यहां पांच लेयर की सुरक्षा की गई है। हालांकि, गणतंत्र दिवस के बाद से भीड़ काफी बढ़ गई है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पंजाब और हरियाणा के अधिक से अधिक किसान जल्द ही इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।
खाप पंचायतें समर्थन में
भारतीय किसान यूनियन (चडूनी) के एक नेता ने कहा कि हरियाणा में कई खाप पंचायतों ने बैठकें कीं और किसान आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कई गांवों ने प्रदर्शन में अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली भेजने का फैसला किया है। शिरोमणि अकाली दल ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे दिल्ली की सीमाओं पर तीन प्रदर्शन स्थलों पर आंदोलन को मजबूती देने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचें।
नरेश टिकैत की मांग
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रमुख नरेश टिकैत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन की घोषणा करने के एक दिन बाद शनिवार को प्रस्ताव दिया कि सरकार ने विवादास्पद कृषि कानूनों को अपने कार्यकाल के अंत तक होल्ड पर रखे और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले। उन्होंने आरोप लगाया था कि नए कृषि कानूनों को निरस्त न कर सरकार द्वारा किसानों के साथ ‘‘अन्याय’’ किया जा रहा है।