- चिराग पासवान को बैठक में बुलाए जाने पर बिहार एनडीए के घटक नाराज हुए
- जेडीयू ने साफ कर दिया है कि चिराग अब एनडीए का हिस्सा नहीं
- शनिवार को बुलाई गई बैठक में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर शामिल नहीं हुए थे चिराग
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए से हटकर अलग चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एनडीए में रहने को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। बजट सत्र से पहले शनिवार को बुलाई गई एनडीए की बैठक में भले ही चिराग पासवान ना आ पाए हों लेकिन उन्हें आमंत्रण भेजे जाने को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। हालांकि लोजपा के मुताबिक स्वास्थ्य कारणों की वजह से चिराग एनडीए की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
जेडीयू ने किया विरोध
चिराग को एनडीए की बैठक में आमंत्रित किए जाने पर एनडीए के सहयोगी घटक जेडीयू ने भी ऐतराज जताया और उन्हें आमंत्रण देने का विरोध किया। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोजपा प्रमुख ने नीतीश कुमार के खिलाफ जिस तरह की बयानबाजी की और उनके कैंडिडेट्स को हराने का काम किया उसके बाद कुछ बचता ही नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नीतीश कुमार के विरोध के बाद लोजपा को भेजा हुआ न्यौता वापस ले लिया गया।
हम ने जताया ऐतराज
चिराग पासवान को बैठक में बुलाए जाने पर बिहार एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम ) ने कड़ा ऐतराज जताया है। मांझी की पार्टी ने कहा कि जिस तरह चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए की पीठ में छूरा घोंपा था उसके बाद उनके लिए यहां कुछ नहीं बचा है। ऐसे में जिस तरह से एनडीए के अन्दर चिराग की लोजपा के लिए विरोध के स्वर उठ रहे हैं वो आने वाले दिनों में चिराग के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
बिहार चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ उतारे से अपने कैंडिडेट
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था और कई जगहों पर उनके उम्मीदवारों की वजह से एनडीए की हार हुई। चुनाव केदौरान वह लगातार नीतीश सरकार पर तीखे हमले करते रहे। इसके बाद से ही तय हो गया था कि चिराग के लिए अब शायद एनडीए के दरवाजे ही बंद हो जाएं। जेडीयू ने तो साफ कह दिया है कि अब चिराग एनडीए में नहीं हैं।
लोकसभा में हैं 6 सीटें
खुद को मोदी का हनुमान बता चुके चिराग पासवान की पार्टी लोजपा बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महज एक सीट ही जीत सकी थी। लोकसभा में 6 सांसदों वाली लोजपा एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। राम विलास पासवान के निधन के बाद अभी तक उसे कैबिनेट में कोई जगह नहीं मिली है। जेडीयू का कहना है कि चिराग की वजह से उसे करीब 20-25 सीटों का नुकसान हुआ। ऐसे में अब चिराग की एनडीए से विदाई भी तय मानी जा रही है।