नई दिल्ली : केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संघों के प्रमुख सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार का यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होने वाली यह भूख हड़ताल 14 दिसंबर से आंदोलन को तेज करने की किसानों की योजना का हिस्सा है।
चढूनी ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नेता अपने-अपने स्थानों पर भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने भी दिये जाएंगे। प्रदर्शन इसी प्रकार चलता रहेगा।' चढूनी ने कहा, 'कुछ समूह प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे सरकार द्वारा पारित कानूनों के पक्ष में हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि वे हमसे नहीं जुड़े हैं। उनकी सरकार के साथ साठगांठ है। उन्होंने हमारे आंदोलन को कमजोर करने का षड़यंत्र रचा। सरकार किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिये साजिश रच रही है।'
'किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोका जा रहा'
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, 'सरकारी एजेसियां किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोक रही हैं, लेकिन जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जातीं तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।' उन्होंने कहा, 'हमारा रुख स्पष्ट है, हम चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। इस आंदोलन में भाग ले रहे सभी किसान संघ एकजुट हैं।'
एक और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'अगर सरकार बातचीत का एक और प्रस्ताव रखती है तो हमारी कमेटी उसपर विचार करेगी। हम सभी से प्रदर्शन के दौरान शांति बरकरार रखने की अपील करते हैं।' किसान नेता संदीप गिड्डे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 19 दिसंबर से प्रस्तावित किसानों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल रद्द कर दी गई है। इसके बजाय सोमवार को दिनभर की भूख हड़ताल की जाएगी।