- समर्थन देने पहुंचे जामिया के छात्रों को किसानों ने भगाया
- किसानों ने कहा कि हम सब किसान अपना आंदोलन स्वयं लड़ेंगे
- विरोध के बाद जामिया के छात्र वापस लौट गए
नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को खूब समर्थन मिल रहा है। लेकिन कई बार ये समर्थन उनके लिए मुश्किलें भी खड़ा कर रहा है। अब आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन देने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। हालांकि किसानों ने उन्हें वापस भेज दिया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'कुछ छात्र किसानों को समर्थन देने के लिए आए थे, लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि यह केवल किसानों का विरोध-प्रदर्शन है। छात्र जल्द ही यहां से चले गए।'
रविवार को 4-5 महिलाओं सहित छात्रों का एक समूह दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पहुंचा। किसानों ने उनकी उपस्थिति पर विरोध दर्ज कराया। जैसे ही स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण हुई, पुलिस ने हस्तक्षेप किया। छात्रों को मौके से जाने के लिए कहा गया। दोनों पक्षों के बीच संक्षिप्त बातचीत के बाद छात्र दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इस घटना के वक्त मौजूद अर्जुन ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया, जामिया के कुछ छात्र किसानों का समर्थन देने के लिए बॉर्डर पहुंचे थे, हाथों में डफली और एक दो पोस्टर भी लिए हुए थे। यहां मौजूद किसानों ने उन सभी छात्रों को भगा दिया और हम सब किसान अपना आंदोलन स्वयं लड़ेंगे। किसानों को किसी की जरूरत नहीं है, जो भारत को तोड़ने का काम करता हो।
'आंदोलन में देशविरोधी ताकतें नहीं'
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को स्पष्ट किया कि कोई भी देश विरोधी तत्व किसानों के साथ नहीं घूम रहा है। उन्होंने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से कहा है कि अगर उन्हें कोई मिला तो वे इस तरह के लोगों को पकड़ें। यह पूछे जाने पर कि क्या 'राष्ट्रविरोधी तत्व' किसानों के आंदोलन में शामिल हैं, तो टिकैत ने कहा, 'खुफिया एजेंसिंयों को उन्हें पकड़ना चाहिए। यदि किसी प्रतिबंधित संगठन के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं, तो उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाए। हमें ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला है।'