- कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल
- सुखबीर बादल की अगुवाई में किसान मोर्चे के प्रदर्शन पर पंजाब पुलिस ने किया लाठीचार्ज
- किसान मोर्चा से जुड़े लोगों ने पंजाब सरकार के खिलाफ लगाए नारे
नई दिल्ली। कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में हो रहा है। पंजाब सरकार इस समय केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। पंजाब में कांग्रेस के साथ साथ शिरोमणि अकाली दल भी इस कानून के खिलाफ है। अकाली दल का कहना है कि इस मुद्दे पर वो ईंट से ईंट बजा देंगे। उस क्रम में अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल मुलापुर बैरियर के पास किसान मोर्चा की अगुवाई कर रहे थे। लेकिन पंजाब की कांग्रेस सरकार को वो मार्च अराजक लगी और प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
हिरासत में लिए गए सुखबीर सिंह बादल
पंजाब पुलिस ने मुलापुर बैरियर के पास ही अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में लिया। किसान मोर्चा से जुड़े लोग कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे थे। प्रदर्शनकारी जब अधिकारियों की बात की नाफरमानी करते नजर आए तो पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। हिरासत में लिये जाने से पहले सुखबीर सिंह बादल ने अमरिंदर सरकार पर निशाना साधा।
पंजाब सरकार की कथनी और करनी में अंतर
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि एक तरफ तो पंजाब सरकार कृषि कानून की मुखालफत कर रही है तो दूसरी तरफ एमएसपी के मुद्दे पर साफ राय क्यों नहीं रख रही है। अगर पंजाब की सरकार किसानों को लेकर इतनी फिक्रमंद है तो वो एपीएमसी एक्ट के बारे में अपना रुख स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है। एक तरफ केंद्र की मोदूी सरकार के खिलाफ जहर उगल रही है। लेकिन जब अकाली दल खुलकर कानून की मुखालफत कर रहा है तो उसके कार्यक्रताओं का सम्मान लाठियों से किया जा रहा है। क्या इस तरह से किसानों के हित की लड़ाई मौजूदा पंजाब सरकार लड़ेगी।