- पीड़ित परिवार से मिलने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जा रहे थे हाथरस, गौतमबुद्धनगर में प्रशासन ने रोका था
- राहुल गांधी यूपी की सरकार को हाथरस की पीड़िता के साथ नहीं है, जो व्यवहार हो रहा है वो एक उदाहरण
- प्रियंका गांधी ने कहा हाथरस की बेटी के साथ कांग्रेस पूरी तरह खड़ी है, आवाज नहीं दबा सकते
नई दिल्ली। 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव अभी बहुत दूर है। लेकिन राजनीति में वो दूरी कुछ लोग कम समय में तय कर लेते हैं और कुछ के लिए वो दूरी हमेशा हमेशा के लिए रह जाती है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का देश के सबसे बड़े सूबों में से एक उत्तर प्रदेश की सत्ता से दशकों से बाहर है। लेकिन अब कांग्रेस के रणनीतिकारों को यकीन हो गया है कि किसी भी तरह से यूपी पर राज स्थापित करना ही होगा और इसके लिए मुद्दों की तलाश जारी है। उन्हीं मुद्दों में से हाथरस गैंगरेप का मुद्दा कांग्रेस के हाथ लगा है जिसके बारे में यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस को 2022 की तैयारी अभी से कर रही है।
क्या सियासी पिकनिक पर निकली थी कांग्रेस
हाथरस केस में वाल्मीकि समाज से आने वाली लड़की के साथ कथित तौर पर गैंगरेप हुआ और उसके साथ हिंसक व्यवहार हुआ। पीड़ित लड़की जो अब इस दुनिया में नहीं है करीब 15 दिन तक मौत से संघर्ष करती रही लेकिन उसकी जिंदगी पर मौत भारी पड़ी। लेकिन उसकी मौत में विपक्षी दलों को खुद के लिए आगे का रास्ता नजर आता है और उसकी एक बानगी कांग्रेस की सियासी यात्रा में दिखाई दी। प्रशासन ने हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गौतमबुद्धनगर में ही रोक दिया। लेकिन कांग्रेस को सियासी ताल ठोंकने के लिए बेहतर मुद्दा मिल गया। राहुल गांधी और प्रियंका को जब हिरासत में लिया गया तो उन्होंने पुलिस वालों से सवाल भी किया कि आखिर किस धारा के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया है।
दलित , मुस्लिम और ब्राह्मण गठजोड़ से कांग्रेस को उम्मीद
यूपी एक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि पीड़िता में स्पर्म नहीं मिला लिहाजा रेप नहीं हुआ। गले में चोट की वजह से उसकी मौत हुई। तथ्यात्मक तौर पर यह बात सही भी हो सकती है। लेकिन विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा जरूर मिल गया है जिसे कांग्रेस लपकना चाहती है। कांग्रेस की ताजा सियासत को देखें तो वो अपने पहले के समीकरण मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण के सूत्र पर आगे बढ़ना चाहती है। इस संबंध में राहुल गांधी का ट्वीट अहम हो जाता है जब वो वर्ग विशेष का उल्लेख करते हैं।