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सीएम आदित्यनाथ के पिता को था भरोसा- योगी जरूर पूरा करेंगे उनका यह सपना

CM Yogi father dream for him
Updated Apr 20, 2020 | 17:32 IST

Yogi Adityanath father news in Hindi: दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का देहांत हो गया है। वह किडनी और लीवर संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
प्रतीकात्मक तस्वीर/फाइल फोटो
मुख्य बातें
  • दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता
  • किडनी और लीवर से जुड़ी से बीमारी थे पीड़ित, सोमवार को हुआ निधन
  • पत्रकारों के साथ बातचीत में बेटे को लेकर जाहिर की थी ख्वाहिश- 'एक दिन जरूर पूरा होगा ये सपना'

नई दिल्ली: बीते काफी समय से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता का निधन हो गया है। बीमारी से लगातार पीड़ित सीएम के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने सोमवार, 20 मई को अंतिम सांस ली। किडनी और लीवर संबंधी समस्या होने की वजह से बीते मार्च महीने से ही अस्पताल में थे और तबियत खराब होने की वजह से उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। कोरोना के संकट भरे समय में अपनी कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए सीएम योगी ने अंतिम संस्कार में नहीं जाने का फैसला किया है।

पिता के दुखद निधन के बाद उनके परिवार से जुड़े पुराने किस्से चर्चा में आ गए हैं। वह उत्तराखंड में यमकेश्वर के पंचूर गांव में अपने परिवार के साथ रहते थे और अंतिम संस्कार भी पैतृक जगह पर किया जाएगा। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीएम योगी को लेकर उनके पिता का एक सपना था। पत्रकारों से बाचतीत में उन्होंने एक बार कहा था कि योगी एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

इस दौरान आनंद सिंह बिष्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का भी जिक्र किया था और कहा था योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में काफी समानताएं हैं। साथ ही उन्होंने पूरा भरोसा था कि एक दिन योगी को लेकर उनका सपना जरूर पूरा होगा।

पिता की मौत पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक: जब सीएम योगी को उनके पिता के देहांत का समाचार मिला तो वह एक मीटिंग में व्यस्त थे। इस दौरान खबर मिलने के बाद भी उन्होंने अपना काम नहीं छोड़ा और मीटिंग जारी रखी। उन्होंने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जीवन में उन्होंने ईमानदारी, कठोर व निस्वार्थ भाव से काम करना उन्हीं से सीखा है और उनके जाने से उन्हें गहरा शोक है। साथ कोरोना महामारी के संकट में अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने की बात कही और कहा लॉकडाउन के बाद वह परिजनों से मुलाकात करेंगे। साथ ही परिजनों को अंतिम संस्कार में कम से कम संख्या में मौजूद रहने की अपील की है।

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