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65 साल के इस ड्राइवर ने एंबुलेंस में बनाया आशियाना, 42 दिन से नहीं रखा है घर की दहजील पर कदम

Updated May 02, 2020 | 16:50 IST

Sambhal News UP: बाबू भारती उन कोरोना वॉरियर्स में से एक हैं जो कोविड के खिलाफ जारी जंग में फ्रंट फुट पर रहकर लोगों की मदद कर रहे हैं।

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65 वर्षीय एंबुलेंस ड्राइवर, 42 दिनों से नहीं रखा घर में कदम (तस्वीर- टीओआई)
मुख्य बातें
  • 65 साल के बाबू भारती संभल के जिला अस्पताल में हैं एंबुलेंस ड्राइवर
  • बाबू भारती कहते हैं- एक बार कोरोना युद्ध खत्म हो जाए, तभी जाऊंगा घर
  • एंबुलेंस में ही आशियाना बनाने वाला यह ड्राइवर 42 दिन से नहीं गया अपने घर

संभल: देश में कोरोना संकट के इस दौर में तीसरे लॉकडाउन लगातार आगे बढ़ रहा है और अधिकांश लोगों घरों में कैद हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इस संकट की घड़ी में सबसे आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। ये 'कोरोना वॉरियर्स' अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की लगातार मदद कर रहे हैं। इन्ही कोरोना वॉरियर्स में शामिल हैं 65 साल के बाबू भारती, जो यूपी के संभल में एंबुलेंस के ड्राइवर हैं। बाबू भारती पिछले 42 दिन से अभी तक अपने घर नहीं जा सके हैं।

इस बार के रमजान बिल्कुल अलग

 बाबू भारती के लिए इस बार रमजान थोड़ा अलग है। उनकी पत्नी बिल्किस इफ्तार के लिए गर्म सेवई नहीं तैयार कर पा रही हैं और ना ही उनके तीन बच्चे नए कपड़ों की मांग कर रहे हैं। 23 मार्च से ही बाबू भारती जिले के कंटेटमेट जोन और हॉटस्पॉट वाले इलाकों में कई चक्कर लगा चुके हैं और अब तो उन्होंने आपातकालीन वाहन को ही अपना घर बना लिया है।

जंग में जीत के बाद ही जाऊंगा घर

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बाबू भारती ने बताया, 'मैं एंबुलेंस में ही सोता हूं और जब खेतों में ट्यूबवैल मिलता है तो वहां पर जाकर नहां लेता हूं। जिला अस्पताल, जहां मेरी ड्यूटी लगी है वहां मेरे खाने का इंतजाम होता है। मैं फैसला किया है कि जब मैं तभी घर जाऊंगा जब हम कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में फतह हासिल कर लेंगे।'

संभल जिले में कोरोना के खिलाफ बनाई गई रैपिड एक्शन टीम के इन-चार्ज डॉ. नीरज शर्मा बताते हैं कि भारती भी उन्हीं की टीम के सदस्य हैं। डॉ. नीरज बताते हैं, 'हम जिला अस्पताल में लगभग 1100 संदिग्धों को टेस्ट के लिए ला चुके हैं और उनमें से 700 को खुद भारती लाए हैं। काम के प्रति उनका समर्पण अद्भुत है। दिन हो या रात, वो किसी भी समय एंबुलेंस में ड्यूटी के लिए तैयार रहते हैं।'

कॉन्ट्रेंक्ट पर काम करते हैं भारती

भारती जिला अस्पताल के साथ 17 हजार रुपये के मासिक वेतन पर कॉन्ट्रेक्ट के तहत काम करते हैं। डॉ. नीरज शर्मा बताते हैं कि जब भारत को कहा गया कि वो रमजान के दौरान अपने घर जा सकते हैं जो जिला अस्पताल से 9 किमी. की दूरी पर है, तो उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। वर्तमान में संभल जिला ऑरेंज जोन में है संभल में अभी तक 19 मामले सामने आए हैं और दो की मौत हो चुकी है। यहां लगभग 200 लोगों को क्वारंटीन किया गया है।

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