- जोजिला टनल करीब 14.15 किमी लंबी, श्रीनगर से लेह जाने के लिए वर्ष भर मिलेगी सुविधा
- तीन दशक से स्थानीय लोगों की सुरंग बनाने की मांग थी
- जोजिला टनल बन जाने के बाद भारत की सैन्य आवाजाही में और मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। देश के अटल टनल की सौगात मिल चुकी है। वो टनल न सिर्फ आवागमन को सुविधाजनक बना रही है बल्कि देश की सरहद की सुरक्षा में अहम भूमिका है, ठीक वैसे ही जोजिला दर्रे में बनने वाला सुरंग है। इस सुरंग की मांग जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जनता को दशकों से साथ जिसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क-परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने करीब 14.15 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग के निर्माण की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए पहला ब्लास्ट कर शुरुआत की। जिस तरह से मनाली से लेह जाने वाले रास्ते में सुरंग की कल्पना की थी, ठीक वैसे ही जोजिला टनल के बारे में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने सोचा था।
3 दशक पुराने सपने को लगे पंख
जोजिला टनल का निर्माण सेना और सिविल इंजीनियरों की एक टीम पहाड़ को काट कर इस सुरंग बनाएगी। इस सुरंग के बन जाने से से श्रीनगर और लेह के बीच पूरे वर्ष भर संपर्क सुविधा मिलेगी। सुरंग बनाने की प्रक्रिया में विस्फोटकों के जरिए पत्थरों को हटाकर पहले रास्ता बनाया जाता है। सुरंग निर्माण अपने आप में इंजीनियरिंग विधा की नायाब कृति है।
जोजिला टनेल की खासियत
- श्रीनगर कारगिल लेह नेशनल हाईवे पर 11, 578 फीट ऊंचाई पर बनने वाली इस टनल की कुल लंबाई करीब 14.5 किलोमीटर है.
- जोजिला सुरंग को बनाने में करीब 4,899 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
- जोजिला सुंरग बनाने का भी सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था। राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच यह सुरंग द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसम में संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी।
- इस परियोजना के तहत जोजिला दर्रे के तहत करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनायी जाएगी.
- अगर मौजूदा समय की बात करें तो इस रूट पर आवागमन सिर्फ 6 महीने उपलब्ध रहता है।
- लद्दाख, गिलगिट और बालतिस्तान के करीब होने से इसका सामरिक महत्व भी है।
- जोजिला सुरंग परियोजना से करगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की तीन दशक पुरानी मांग पूरी होगी।
- श्रीनगर-लेह खंड में यात्रा हिमस्खलन का खतरा नहीं होगा। यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी।
11, 578 फुट की ऊंचाई पर है जोजिला दर्रा
जोजिला सुरंग परियोजना श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11578 फुट की ऊंचाई पर है, ठंड के दिनों में हिमपात की वजह से जोजिला दर्रा बंद रहता है। यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवार्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद भारत की न केवल आर्थिक क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि सामरिक क्षमका में भी वृद्धि होगी।