- फारुक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 की वापसी के लिए चीन से मदद मांगने संबंधित दिया था बयान
- फारुक के बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी
- बीजेपी नेता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से एफआईआर दर्ज करने की अपील की
नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 अब हटाया जा चुका है। लेकिन जम्मू-कश्मीर के नेताओं लगता है कि किसी भ्रम में जी रहे हैं। दरअसल नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अनुच्छेद 370 की वापसी के लिए चीन से उम्मीद नजर आती है। यह बात अलग है कि उनके प्रवक्ताओं ने घुमाफिराकर सफाई दी। लेकिन फारुक के बयान पर पूर्व खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने कहा अच्छा यही होगा कि फारुक को चीन भेज दिया जाए। अब इसी मुद्दे पर बीजेपी नेता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा ने दिल्ली के पुलिस कमिश्वर को खत लिखकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर को खत
तेंजेदर पाल सिंह बग्गा दिल्ली पुलिस कमिश्नर को खत में लिखते हैं कि देश विरोधी बयानों के लिए फारुक अब्दुल्ला जाने जाते रहे हैं। आप को याद होगा कि जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी। देशविरोधी बयानों की वजह से ही उन्हीं कारणों से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत वो नजरबंद किए गए और हाल ही में नजरबंदी से बाहर आए। लेकिन रिहाई के तुरंत बाद उन्होंने वही राग अलापना शुरू कर दिया। वो भारत के संविधाव के खिलाफ विषवमन कर रहे हैं, केंद्र सरकार की सत्ता को चुनौती दिए। लेकिन इस दफा तो वो एक कदम आगे बढ़ गए। चीन से मदद की बात कर उन्होंने सभी तरह की हदों को पार कर दिया।
जानबूझ कर बयान देते हैं फारुक अब्दुल्ला
फारुक अब्दुल्ला के बयान से स्पष्ट है कि वो भारत के संविधान को कमतर आंक रहे हैं केंद्र सरकार की ताकत तो कम करके आंत रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने अनुच्छेद 370 और चीन से मदद की बात की है वो 124ए और 121 के तहत अपराध है। मिस्टर अब्दुल्ला जानबूझकर इस तरह की बात करते हैं,उनके इस तरह के बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि तो खराब होती ही है उसके साथ जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर भी असर पड़ता है। इस तरह के बयानों को देखते हुए मैं आपसे अपील करता हूं कि फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए और 121 के तहत संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करें