नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और मुंबई में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में स्थानांतरित करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद दिया है और कहा है कि शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
वहीं देवेंद्र फड़नवीस ने चुनौती देते हुए कहा कि मैं आपको (शिवसेना) को चुनौती देता हूं कि अगर आप इतने आश्वस्त हैं तो फिर से चुनाव लड़ें। चुनाव में भाजपा अकेले कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना को हराएगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने एक दिन पहले ही शनिवार को उद्धव सरकार की ओर से भीमा कोरेगांव मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौपे जाने पर सहमति को लेकर असहमति जताई थी।
उद्धव सरकार एनपीआर लागू करने को मंजूरी दे दी
उद्धव सरकार ने फैसला लिया कि कांग्रेस और एनसीपी के विरोध के बावजूद उन्होंने राज्य में एनपीआर लागू करने को मंजूरी दे दी है। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में 1 मई से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) लागू करना चाहते हैं जो कि 15 जून तक चलेगा।शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने उद्धव साहब के बयान का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने साफ-साफ कहा है कि एनपीआर अगर जनगणना जैसा ही है, तो कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी लगातार एनपीआर का विरोध कर रही हैं। इससे पहले गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एनपीआर के विरोधियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरकार कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर रही है।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले पर हो रही हो रही आपस में तकरार
गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में खींचतान की खबरें सामने आईं हैं, तनातनी उस समय शुरू हुई जब पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने का विरोध किया था लेकिन अब खुद सीएम ठाकरे ने इसे मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से एनसीपी सुप्रीमो पवार नाराज बताए जा रहे हैं।
दरअसल कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि भीमाा-कोरेगांव हिंसा मामले में केंद्र ने भंडाफोड़ होने की वजह से इसकी जांच एनआईए को सौंप दी थी। पवार ने एल्गार परिषद मामले में जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने की मांग की थी। इस मामले को लेकर खुद उद्धव ठाकरे ने समीक्षा बैठक भी बुलाई थी।
वहीं एनसीपी नेता शरद पवार ने भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर सवाल उठाए थे जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि एल्गार परिषद (भीमा कोरेगांव) मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा अपने हाथ में लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। शरद पवार ने कहा कि केन्द्र का इस तरह से राज्य के हाथों से जांच लेना केंद्र गलत है।