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आज से शुरू हो रहा जी-20 शिखर सम्मेलन, पीएम मोदी करेंगे शिरकत, जानें भारत के लिए क्‍यों है खास

Updated Nov 21, 2020 | 05:45 IST

जी-20 शिखर सम्‍मेलन का आयोजन आज से हो रहा है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअल तरीके से शिरकत करेंगे। एक बड़े आर्थिक मंच के रूप में पहचान रखने वाले जी-20 का यह शिखर सम्मेलन कोरोना महामारी के बीच हो रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
आज से शुरू हो रहा जी-20 शिखर सम्मेलन, पीएम मोदी करेंगे शिरकत, जानें भारत के लिए क्‍यों है खास

नई दिल्‍ली : जी-20 देशों का दो दिवसीय शिखर सम्‍मेलन आज (शनिवार, 21)  से शुरू होने जा रहा है। इस बार यह सम्‍मेन सऊदी अरब की मेजबानी में हो रहा है, जो पहले ही इसे 'मील का पत्‍थर' बता चुका है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार जी-20 शिखर सम्‍मेलन का आयोजन वर्चुअल तरीके से हो रहा है, जिसमें कोरोना महामारी के प्रभाव, भविष्‍य की स्‍वास्‍थ्‍य योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों के पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के निमंत्रण पर इस सम्‍मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं। 

15वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 21-22 नवंबर को ऐसे समय में होने जा रहा है, जबकि दुनियाभर में कोरोना महामारी एक बड़े स्‍वास्‍थ्‍य संकट का रूप ले चुकी है और इसने विभिन्‍न देशों की अर्थव्‍यवस्‍था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।  1930 की आर्थि‍क मंदी के बाद मौजूदा समय को वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था का सबसे खराब दौर बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सदस्‍य देश कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

सऊदी अरब ने की भारत की तारीफ

सऊदी अरब की मेजबानी में होने जा रहा जी-20 शिखर सम्‍मेलन भारत के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है। भारत इस वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, डब्ल्यूटीओ में सुधार, खाद्यान्न सुरक्षा जैसे मुद्दे उठा सकता है। सम्‍मेलन में जलवायु परिवर्तन भी एक अहम मुद्दा होगा। इस संबंध में क्लाइमेट ट्रांसपेरेंसी की एक रिपोर्ट में पहले ही भारत की तारीफ हो चुकी है, जिसमें कहा गया है कि जी-20 में भारत इकलौता देश है, जो जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी वचनबद्धताएं पूरी कर रहा है।

वहीं, भारत को लेकर हाल ही में सऊदी अरब के राजदूत सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा था कि 21-22 नवंबर को होने वाली बैठक मील का पत्थर साबित होने वाली है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनिया के कई देशों में चिकित्सकीय सामान एवं सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने के भारत के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना करते हुए उन्‍होंने कहा था कि सऊदी अरब उस ज्ञान और अनुभव को महत्व देता है, जो भारत ने जी-20 को दिया है। 

जी-20 के सदस्‍य देशों में अमरीका, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अर्जेंटीना, ब्राजील, मेक्सिको, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, चीन, जापान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ हैं। स्पेन इसका एक स्थायी अतिथि है, जिसे हर साल खास तौर पर आमंत्रित किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य मेहमान देशों को भी जी-20 के अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित किया जाता है। वैश्विक पटल पर जी-20 की पहचान एक बड़े आर्थिक मंच के रूप में है।

इस साल दूसरी बार जी-20 का शिखर सम्‍मेलन होने जा रहा है। इससे पहले मार्च में जी-20 का वर्चुअल शिखर सम्‍मेलन हुआ था। 

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