- गलवान घाटी में चीनी आर्मी को मुंहतोड़ जवाब देते शहीद होने वाले वीर जवानों को सम्मानित किया गया।
- कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- शहीदों को वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए मरणोपरांत वीर चक्र दिया गया।
नई दिल्ली: कर्नल संतोष बाबू, जिन्होंने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के सैनिकों द्वारा ऑब्जर्वेशन पोस्ट पर किए गए हमले का विरोध करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रक्षा अलंकरण महावीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आज (23 नवंबर) आयोजित किया गया।
बाबू के अलावा, नायब सूबेदार नुदुरम सोरेन, हवलदार के पलानी, नायक दीपक सिंह, सिपाही गुरतेज सिंह को भी पिछले साल जून में गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा किए गए शातिर हमले के खिलाफ ऑपरेशन स्नो-लैपर्ड के दौरान उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए मरणोपरांत वीर चक्र दिया गया।
जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज के सूबेदार संजीव कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। जिसमें उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया और दो अन्य को घायल कर दिया था।
आज राष्ट्रपति भवन में अलंकरण समारोह के दौरान जिन अन्य उल्लेखनीय नामों को सम्मानित किया गया, उनमें भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक आर चौधरी और नौसेना प्रमुख नामित वाइस एडमिरल आर हरि कुमार शामिल हैं, जिन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) प्राप्त हुआ। सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल राजीव सिरोही ने उत्तम युद्ध सेवा पदक (यूवाईएसएम) प्राप्त किया।