- जनरल रावत देश के पहले सीडीएस के तौर पर 1 जनवरी, 2020 को कार्यभार संभालेंगे
- उन्होंने कहा कि सेना चीन, पाकिस्तान से पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने में सक्षम है
- जनरल रावत ने नेशनल वार मेमोरियल पहुंचकर देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि भी दी
नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आज (मंगलवार, 31 दिसंबर) अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने नेशनल वार मेमोरियल पहुंचकर देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना प्रमुख के तौर पर आज ही अपना कार्यकाल समाप्त करने जा रहे जनरल रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर नई जिम्मेदारी दी गई है।
देश के पहले सीडीएस के तौर पर जनरल रावत 1 जनवरी, 2020 को कार्यभार संभालेंगे। सेना प्रमुख के तौर पर आज ही रिटायर होने वाले जनरल रावत को साउथ ब्लॉक में आयोजित एक कार्यक्रम में फेयरवेल गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने सेना के जवानों और अधिकारियों का आभार जताया और कहा कि वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी डटकर खड़े रहे।
उन्होंने कहा कि सीडीएस महज एक पद है और कोई भी पद सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से सफल नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि बतौर सेना प्रमुख उन्हें सभी विभागों का पूरा सहयोग मिला और आगे भी सबको साथ मिलकर काम करना होगा, तभी सफलता मिलेगी। उन्होंने सेना के जवानों और देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं भी दीं।
सेना प्रमुख के तौर पर आज रिटायर होने वाले जनरल रावत से जब यह सवाल किया गया कि क्या भारतीय सेना आज पाकिस्तान और चीन से लगने वाली सीमा पर पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है, उन्होंने कहा, 'हां, वे बेहतर तरीके से तैयार हैं।'
सेना प्रमुख के तौर पर जनरल रावत के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद की जिम्मेदारी अब जनरल मनोज मुकुंद नरवाने संभालेंगे। नरवाने देश के 28वें सेना प्रमुख होंगे और अपनी नई जिम्मेदारी 31 दिसंबर को ही संभालेंगे। नरवाने को सेना प्रमुख के तौर पर उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देते हुए जनरल रावत ने कहा कि वह काफी काफी योग्य अधिकारी हैं और उन्हें भरोसा है कि वह सेना को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।