- तेलंगाना में टीआरएस बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी लेकिन पिछली बार की तुलना में कम सीटें मिलीं
- सबसे बड़े उलटफेर में बीजेपी ने एआईएमआईएम को तीसरे नंबर पर ढकेला
- पिछले चुनाव में बीजेपी को महत तीन सीट मिली थी।
हैदराबाद। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव पर हर शख्स की नजर टिकी थी। वैसे तो यह नगर निगम का चुनाव था। लेकिन जिस तरह से यह निगम चार जिलों में फैले होने के साथ साथ पांच लोकसभा और 24 विधानसभाओं की भी समेटे हुए उसकी वजह से इसका राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर महत्व बढ़ जाता है। चुनावी नतीजों में टीआरएस बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। लेकिन जो नतीजे आए हैं जो चौंकाने वाले भी हैं। टीआरएस को 55 सीट, बीजेपी को 48 और एआईएमआईएम को 44 सीटें मिली हैं वहीं कांग्रेस को सिर्फ दो सीट के साथ संतोष करना पड़ा है।
ओवैसी के गढ़ में बीजेपी का कमाल
ओवैसी के गढ़ में बीजेपी ने कमाल तो किया ही है उसके साथ टीआरएस की सीटों में भी सेंध लगाई है। अगर पिछले नतीजों को देखें तो टीआरएस के खाते में 99, एआईएमआईएम के खाते में 48 और बीजेपी को महज तीन सीटें मिली हैं। अगर 2020 के चुनावी नतीजों को देखें तो बीजेपी ने टीआरएस की सीटों में जबरदस्त सेंधमारी की और जिस तरह से नंबर दो के पोजिशन पर काबिज हुई है वो ओवैसी के लिए खतरे के संकेत हैं।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की सभी 150 अंतिम नतीजे सामने आ चुके हैं।
पार्टी | सीट |
टीआरएस | 55 |
बीजेपी | 48 |
एआईएमआईएम | 44 |
कांग्रेस | 2 |
अन्य | 0 |
नतीजों के बाद किसने क्या कहा
तेलंगाना में बीजेपी के प्रदर्शन पर गृहमंत्री अमित शाह का ट्वीट खास है, उन्होंने कहा पहली बात तो यह है कि यह विकास के एजेंडे पर मुहर है, इसके साथ ही तेलंगाना की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है। इसके साथ ही गृहराज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि इस जीत से एक बात साफ है कि बीजेपी के लिए राज्यस्तरीय जीत का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। इसके साथ अगर कांग्रेस की बात करें तो पार्टी की शर्मनाक हार हुई और उसका असर यह हुआ कि तेलंगाना कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम रेड्डी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि हैदराबाद में भाजपा के लिए ऐतिहासिक परिणाम GHMC चुनावों से पता चलता है कि देश के लोग केवल और केवल विकास के एजेंडे का समर्थन करते हैं। यह परिणाम माननीय पीएम श्री के प्रति लोगों के अप्रतिम समर्थन को दर्शाता है। इस चुनाव के नतीजे नरेंद्र मोदीजी का विकास परत शासन के मॉडल पर मुहर लगाता है।
टीआरएस ने क्या कहा
के चंद्रशेखर राव सरकार में मंत्री और उनके बेटे के टी रामाराव ने कहा कि तेलंगाना की जनता ने एक बार फिर टीआरएस में भरोसा जताया है। लेकिन हम 20 से 25 सीट दूर रह गए। इसके लिए समीक्षा करना होगा कि आखिर इस तरह के नतीजों के पीछे क्या वजह है।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि अगर नतीजों को देखें को बीजेपी 3 से 48 सीट पर पहुंच चुकी है। बीजेपी के खाते में जो 48 सीटें आई हैं उससे साफ है कि शहरी जनता का टीआरएस से मोहभंग हुआ है। इसके साथ ही हैदराबाद के लोगों में टीआरएस यह समझाने में नाकाम रही कि उसका एआईएमआईएम के साथ सीधा या परोक्ष रिश्ता नहीं है। एआईएमआईएम की सीटों में पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा कमी नहीं आई है। लेकिन इन नतीजों से साफ है कि ओवैसी जो दम भरते थे कि हैदराबाद उनकी जागीर है वो मिथक टूट गया। बेशक यह चुनाव नगर निगम का हो लेकिन इसका दूरगामी असर दिखाई देगा जिसका गवाह 2023 में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं।