नई दिल्ली : इकबाल मिर्ची के परिवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई की एक अदालत में आवेदन किया है। विशेष PMLA कोर्ट में दायर आवेदन में ईडी ने माफिया इकबाल मिर्ची के परिवार के तीन सदस्यों को मनी लॉन्ड्रिंग केस में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अनुरोध किया है।
माफिया इकबाल मिर्ची की 2013 में मौत हो गई थी। ईडी ने अब भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून की धारा 12 के साथ धारा चार के तहत अदालत में याचिका दायर कर इकबाल मिर्ची के बेटों जुनैद इकबाल मेमन व आसिफ इकबाल मेमन और उसकी पत्नी हजरा मेमन को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अनुरोध किया है।
संपत्ति जब्त करने की मांगी अनुमति
जांच एजेंसी ने कानूनी प्रावधानों के तहत इकबाल मिर्ची के परिवार के सदस्यों की संपत्ति जब्त करने की अनुमति भी कोर्ट से मांगी है। ईडी ने कहा, 'पहले चरण में (मुंबई में) सीजे हाउस की तीसरी मंजिल और चौथी मंजिल समेत भारत में लगभगत 96 करोड़ रुपये मूल्य की 15 संपत्तियों और छह बैंक खातों में जमा 1.9 करोड़ रुपये को जब्त करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। ईडी को भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के तहत पूरक अर्जी दाखिल करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया गया है।'
यहां उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय धन शोधन रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मिर्ची, उसके परिवार तथा अन्य के खिलाफ जांच कर रहा है। निदेशालय अब तक मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत इस मामले में 798 करोड़ रुपये की संपत्ति भारत और विदेशों में जब्त कर चुका है।
इस मामले में ईडी द्वारा आरोप-पत्र दाखिल किए जाने के बाद विशेष PMLA कोर्ट ने इकबाल मिर्ची के परिवार के सदस्यों- जुनैद इकबाल मेमन, आसिफ इकबाल मेमन और हजरा मेमन के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया है। हालांकि इन तीनों ने अब तक विशेष कोर्ट के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है, जिसके कारण गैर जमानती वारंट पर अमल नहीं हो पाया है।