- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर जनसंख्या का मुद्दा उठाया
- उन्होंने इसके लिए कानून लाने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
- गिरिराज सिंह केंद्र में PM मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार में मंत्री हैं
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में जनसंख्या नियंत्रण का संदेश दिया था और यह भी बताया था कि देश के समुचित विकास के लिए यह कितना आवश्यक है। वहीं अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया है और जनसंख्या विस्फोट की तुलना कैंसर से करते हुए कहा कि अगर इसे जल्द ही काबू नहीं किया गया तो यह असाध्य हो जाएगा।
बीजेपी नेता यहां जनसंख्या नियंत्रण पर एक संगोष्ठी में बोल रहे थे, जब उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए जल्द ही कड़ा कानून नहीं लाया गया तो स्थिति बेकाबू हो सकती है। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की जोरदार पैरवी की तो यह भी कहा कि देश में जिस समुदाय के लोग बहुतायत में हैं, उनकी आबादी लगातार घट रही है और इसलिए सामाजिक सौहार्द भी बिगड़ रहा है।
पहले भी कई बार जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठा चुके गिरिराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'जब कभी में जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठाता हूं, लोग इसमें धर्म को ले आते हैं। यह (जनसंख्या वृद्धि) कैंसर की तरह बन गया है। यदि युवा नेता इस मुद्दे को नहीं उठाएंगे और सबकुछ मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) पर छोड़ देंगे तो यह कैंसर चौथे चरण में चला जाएगा और फिर इसका इलाज संभव नहीं हो पाएगा।'
विभिन्न रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए गिरिराज ने यह दावा भी किया कि बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में गिरावट आई है। इसे सामाजिक सौहार्द में अड़चन से जोड़ते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'क्या यह सच नहीं है कि जहां भी बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में गिरावट आई है, वहां सामाजिक सौहार्द बिगड़ गया है?' उन्होंने यह भी कहा, 'लोग मुझसे कहते हैं मैं बातों को अलग तरह से क्यों नहीं कहता? ऐसे लोगों से मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मुझे कोई और तरीका नहीं आता, बल्कि सीधे अपनी बात रखनी आती है।'
जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़े कानून को आवश्यक बताते हुए गिरिराज ने कहा कि जो भी इसका उल्लंघन करता उसे मतदान के अधिकार से वंचित कर देना चाहिए, उस पर आर्थिक जुर्माने का भी प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए चीन से सीख लेने की बात भी कही।