- गिरिराज सिंह केंद्र में पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री हैं
- बेगूसराय से सांसद गिरिराज ने सक्रिय राजनीति से संन्यास के संकेत दिए हैं
- उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नीतीश सरकार पर उदासीनता बरतने के आरोप भी लगाए
मुजफ्फरपुर : बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच यूं तो 'सबकुछ ठीक' होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन दोनों ओर से जिस तरह की बयानबाजियां सामने आ रही हैं, उससे साफ है कि हालात उतने सहज नहीं हैं, जैसा कि दावा किया जा रहा है। बेगूसराय से सांसद गिरिराज ने जहां अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ और सूखे से जूझ रहे लोगों के प्रति नीतीश सरकार की 'उदासीनता' को लेकर सवाल उठाए तो अब इसके संकेत भी दिए हैं कि आने वाले समय में वह राजनीति से संन्यास ले सकते हैं।
गिरिराज सिंह ने कहा कि उनकी राजनीतिक पारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के साथ समाप्त हो सकती है। केंद्रीय मंत्री का ये जवाब संवाददताओं के उस सवाल पर आया, जिसमें उनसे अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव बाद मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी को लेकर पूछा गया था। बीजेपी नेता ने कहा, 'मैं पार्टी के उन कार्यकर्ताओं में से एक हूं, जो कश्मीर के भारत से एकीकरण का सपना लेकर सार्वजनिक जीवन में आए थे। जिस सपने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन बलिदान कर दिया, उसे मोदी ने साकार किया।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं सत्ता या पद प्राप्त हासिल करने के लिए राजनीति में नहीं आया था। इसलिए मुझे अपनी राजनीतिक पारी अब समापन की ओर लगती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा कार्यकाल साथ ही यह समाप्त हो सकती है।' गिरिराज सिंह ने इससे पहले बाढ़ व सूखे से प्रभावित क्षेत्रों को लेकर नीतीश सरकार पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया था, जिस पर जेडीयू की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी। इसके बाद गिरिराज ने अपने संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि बेगूसराय की जनता बाढ़ और सूखे से प्रभावित है और राज्य सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही। ऐसे में अगर वह क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के नाते आवाज न उठाएं तो क्या आत्महत्या कर लें?
इस पर नीतीश सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने तंज भरे लहजे में कहा कि राज्य सरकार बाढ़ के हालात से निपटने के लिए पूरी तरह गंभीर है और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे भी किसी को आत्महत्या करने से किसी ने रोका है क्या? वहीं, आरजेडी नेता मनोज झा ने भी गिरिराज के उस बयान पर चुटकी ली और कहा कि अगर मंत्री होते हुए भी वह अपने क्षेत्र में बचाव कार्य करने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, पर वह आत्महत्या न करें।