- बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद अपनों के निशाने पर कांग्रेस
- शिवानंद तिवारी के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ली चुटकी
- गिरिराज सिंह बोले- राहुल गांधी को ओबामा से ज्यादा जानने लगे हैं शिवानंद तिवारी
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले बराक ओबामा का राहुल गांधी को लेकर किया गया कमेंट और अब कांग्रेस की ही सहयोगी पार्टी द्वारा राहुल गांधी पर तीखा हमला, ये सब दिखाता है कि कांग्रेस के लिए हालात कितने कठिन होते जा रहे हैं। गठबंधन का नेतृत्व कर रही आरजेडी ने दो दो टूक कहा है कि कि चुनाव जब अपने चरम पर था तो राहुल गांधी शिमला में बहन प्रियंका के साथ उनके घर पर पिकनिक मना रहे थे। कांग्रेस पर हो रहे हमलों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चुटकी ली है।
गिरिराज का ट्वीट
राहुल गांधी पर हो रहे हमलों को लेकर अब केंद्रीय मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने भी तंज कसा है। गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, 'राहुल गांधी जी के बारे में बिहार में महागठबंधन के सहयोगी पार्टी RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि राहुल गांधी नॉन सीरीयस पर्यटक राजनेता है। शिवानंद जी तो राहुल जी को ओबामा से ज़्यादा जानने लगे है । फिर भी कांग्रेस चुप क्यू ?' दरअसल कुछ दिन पहले ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने अपने संस्मकरण में कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी में एक ऐसे ‘घबराए हुए और अनगढ़’ छात्र के गुण हैं जो अपने शिक्षक को प्रभावित करने की चाहत रखता है लेकिन उसमें ‘विषय में महारत हासिल’ करने की योग्यता और जूनून की कमी है।
कांग्रेस महासचिव की सलाह
कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर आत्मचिंतन करने की जरूरत पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि राज्य में गठबंधन को अंतिम रूप देने में विलंब से नुकसान हुआ और अब इससे सबक लेते हुए पार्टी को दूसरे राज्यों में समय रहते सीटों के तालमेल की औपचारिकताओं को पूरा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के चुनावी प्रदर्शन पर आत्मचिंतन करने को लेकर कांग्रेस आलाकमान गंभीर है और आने वाले समय में कारणों का पता लगाया जाएगा।
70 सीटों पर लड़ी कांग्रेस, मिली केवल 20 सीटें
बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सत्ता से दूर रह जाने का एक प्रमुख कारण कांग्रेस के इस निराशाजनक प्रदर्शन को भी माना जा रहा है।