- सरकार ने 40 किसान यूनियनों को 30 दिसंबर को बैठक के लिए बुलाया
- किसानों के आंदोलन को 33 दिन हो गए हैं
- किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को वार्ता का प्रस्ताव दिया था
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों को बैठक के लिए बुलाया है। सरकार ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर गतिरोध समाप्त करने के लिए आंदोलन कर रहे 40 किसान यूनियनों को 30 दिसंबर को बैठक के लिए बुलाया है। बातचीत शुरू करने के लिए किसानों के पत्र के जवाब में कृषि मंत्रालय ने कहा कि सरकार सभी संबद्ध मुद्दों के तार्किक समाधान को प्रतिबद्ध है।
इससे पहले किसान संगठनों ने शनिवार को सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया और अगले दौर की वार्ता के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया था। संगठनों ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी का मुद्दा एजेंडा में शामिल होना चाहिए। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को लिखे पत्र में मोर्चा ने कहा, 'हम प्रस्ताव करते हैं कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे हो।'
किसान तेज करेंगे आंदोलन
हालांकि किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने का भी फैसला किया है और उन्होंने 30 दिसंबर को सिंघू-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने का आह्वान किया था। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि यह भी तय किया गया है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ 30 दिसंबर को किसान कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे। हम दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के लोगों से आने और नए साल का जश्न प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ मनाने का अनुरोध करते हैं।
किसानों और सरकार के बीच अभी तक 5 दौर की बातचीत हुई है। आखिरी बातचीत 5 दिसंबर को हुई थी। बाद में सरकार ने बातचीत शुरू करने के लिए 2 पत्र लिखे।