- किसानों के को लेकर भाजपा ने दी राहुल गांधी को बहस की चुनौती
- केंद्रीय मंत्री जावडेकर बोले- राहुल गांधी के आरोप निराधार और तर्कहीन
- कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हितों की अनदेखी की - जावडेकर
नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों के किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले एक महीने से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर डटे कई किसान संगठनों ने सरकार ने नए कानूनों को वापस लेने की मांग की है। किसानों को लगातार राजनीतिक संगठनों द्वारा भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस इन नए कानूनों के लेकर लगातार सरकार पर हमले कर रही है। इन सबके बीच अब बीजेपी ने राहुल गांधी को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती दी है।
राहुल गांधी को दी चुनौती
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'राहुल गांधी ने अचानक कहा कि आपको कृषि कानूनों को वापस लेना होगा। मैं उन्हें एक बहस के लिए खुली चुनौती दे रहा हूं कि ये कानून अच्छे हैं या किसानों के हित में नहीं है। मैं राहुल गांधी और डीएमके को बहस की चुनौती दे रहा हूं। कांग्रेस ने सत्ता में रहने के दौरान किसानों के लिए क्या किया और मोदी सरकार ने क्या किया है। इस पर वह खुली बहस कर लें।'
जावड़ेकर ने कही ये बात
प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने किसानों के हितों की अनदेखी की तथा अनाज के सस्ते दाम सुनिश्चित कर उन्हें गरीब बनाए रखने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से किसानों को उचित दाम उपलब्ध कराने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को क्रियान्वित कर उन्हें सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस और राहुल गांधी को खुली बहस की चुनौती देता हूं। मैं साबित कर दूंगा कि कांग्रेस ने किस तरह हमेशा किसानों के हितों की अनदेखी की और किस तरह मोदी ने उन्हें सशक्त किया। किसानों ने अपने उत्पाद के लिए हमेशा उचित मूल्य की मांग की, लेकिन कांग्रेस ने यह कभी पूरी नहीं की।’
राहुल ने साधा था निशाना
इससे पहले राहुल गांधी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वालों को आतंकवादी या राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है। राहुल गांधी ने कहा, 'करोड़ों लोग कृषि से जुड़े हुए हैं और यही लोग देश की रीढ़ हैं। हम मानते हैं कि कृषि क्षेत्र में सुधार होना चाहिए। लेकिन अगर कृषि को तबाह कर दिया जाएगा तो करोड़ों लोगों को बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ेगा।’