- भारत सरकार ने कोविडशील्ड के 110 लाख डोज और कोवैक्सीन की 55 लाख डोज खरीदने का फैसला किया है
- अब तक देश में 54.72 लाख डोज स्टोरेज प्वाइंट पर पहुंच गई हैं
- एक करोड़ दस लाख डोज 14 जनवरी तक पहुंच जाएंगे
नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि कोरोना वायरस टीके की सभी खुराक सीरम इंस्टीट्यूट से 1.10 करोड़ और भारत बायोटेक से 55 लाख खुराक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड टीके की 1.1 करोड़ खुराक खरीदी गई हैं और प्रत्येक खुराक पर 200 रुपए की लागत आई है, इसमें टैक्स शामिल नहीं है। वहीं भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक खरीदी जा रही हैं। कोवैक्सीन की 38.5 लाख खुराक में से प्रत्येक पर 295 रुपए (कर को छोड़कर) की लागत आएगी। भारत बायोटेक 16.5 लाख खुराक निशुल्क मुहैया करा रही है, जिससे इसकी लागत प्रत्येक खुराक पर 206 रुपए आएगी।
सरकार द्वारा आगे बताया गया कि राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय टीका भंडारण केंद्र तक मंगलवार को शाम चार बजे तक कोविशील्ड की 54 लाख से ज्यादा खुराक पहुंचाई गईं। एक करोड़ दस लाख डोज 14 जनवरी तक पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही कहा गया कि खुराक देने के 14 दिन बाद असर दिखेगा। लोगों से कोविड-19 के संबंध में उचित व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया जाता है।
इतनी है फाइजर और मॉडर्ना की कीमत
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया फाइजर की वैक्सीन को अनेक देशों में इमरजेंसी यूज की अनुमति मिली है, इसका प्रति डोज का दाम 1,400 रुपए से अधिक है। मॉडर्ना की वैक्सीन का एक डोज 2,300-2,700 रुपए में उपलब्ध है। बाकी देश में कोरोना की स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति अभी भी पूरे विश्व में चिंताजनक है हालांकि भारत में मामले घट रहे हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम कोताही बरतें। भारत में कोविड 19 के सक्रिय मामले लगातार घट रहे हैं और अभी सक्रिय मामले 2.2 लाख से कम हैं। कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों में से सिर्फ 44% मामले अस्पतालों में हैं और 56% सक्रिय मामले होम आइसोलेशन में हैं।
अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ का टीकाकरण
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। ये चरण है वैक्सीनेशन का। 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं। सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण होगा। पहले चरण में तीन करोड़ कोरोना योद्धाओं, अग्रिम कर्मियों के टीकाकरण का खर्च राज्य नहीं केंद्र वहन करेगा। दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को और 50 वर्ष से नीचे के उन बीमार लोगों को जिनकों संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उनको टीका लगाया जाएगा। हम अगले कुछ महीने में 30 करोड़ नागरिकों को टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।