- कोरोना के नए टीके कोवावैक्स का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है
- स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि दो टीकों एवं एक ड्रग को मिली है मंजूरी
- कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाएगी एंटी वायरल दवा मोलनुपीरावीर
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को दो टीकों एवं एक एंटी-वायरल ड्रग के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी। कोविड-19 पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने इन दो टीकों एवं एक एंटी वायरल दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी। इसके एक दिन बाद केंद्र सरकार की ओर से यह मंजूरी दी गई है।
अब तक आठ टीकों को मिली मंजूरी
कोवावैक्स टीके का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और कोर्बेवैक्स टीके का निर्माण बॉयोलॉजिकल-ई ने किया है। ऐसे टीके जिन्हें आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, उनकी संख्या बढ़कर अब आठ हो गई है। अब तक कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक V, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और जायकोविड टीकों को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, एंटी वायरल ड्रग मोलनुपीरावीर का निर्माण 13 कंपनियां मिलकर करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस एंट्री ड्रग का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार में किया जाएगा।
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स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मुबारक हो भारत। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक दिन में तीन स्वीकृति दी हैं..कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स टीके और दवा ‘मोलनुपीरावीर’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।’
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सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने की थी सिफारिश
मांडविया ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘कोर्बेवैक्स’ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट कोविड-19 रोधी टीका है। इस हैदराबाद की ‘बायोलॉजिकल ई’ कम्पनी ने बनाया है। यह हैट्रिक है। यह भारत में निर्मित तीसरा टीका है।’’ आपात स्थिति में टीके के उपयोग के लिए एसआईआई के आवेदन की सोमवार को दूसरी बार समीक्षा करने वाली सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने गहन अध्ययन के बाद ‘कोवोवैक्स’ के उपयोग की सिफारिश की थी।
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गंभीर रूप से बीमार लोगों को दी जाएगी ‘मोलनुपीरावीर’दवा
बता दें कि डीसीजीआई ने 17 मई को एसआईआई को ‘कोवोवैक्स’ टीके के निर्माण और भंडारण की अनुमति दे दी थी। डीसीजीआई की मंजूरी के आधार पर ही अभी तक पुणे स्थित कम्पनी टीके की खुराक का निर्माण और भंडारण कर रही है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में ‘मर्क’ कम्पनी की कोविड-19 रोधी ‘मोलनुपीरावीर’ दवा को संक्रमण के उन मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत कर दिया था, जिन्हें इस बीमारी से खतरा अधिक है। इससे पहले, नवंबर में ब्रिटेन ने ‘मर्क’ की दवा को सशर्त अधिकृत किया गया था, जो कोविड-19 के सफलतापूर्वक इलाज के लिए बनाई गई पहली गोली है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)