- कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए शक्तिसिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है
- विधायकों के इस्तीफे के बाद दोनों उम्मीदवारों का जीतना मुश्किल हो गया है
- राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई विधायकों ने दिया पार्टी से इस्तीफा
नई दिल्ली: कोरोना काल भले ही मानवता के लिए मुश्किल हो, लेकिन इसमें राजनीति अपने पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए रिसॉर्ट में पहुंचाना पड़ा है। हताश गुजरात कांग्रेस ने अपने 65 विधायकों को तीन रिसॉर्ट्स और होटलों में रखा है। दरअसल, पार्टी को ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि उसके एक के बाद एक कई विधायक इस्तीफा दे रहे हैं।
3 रिसॉर्ट में 65 विधायक
राज्यसभा चुनावों की घोषणा के बाद से 8 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि 3 विधायकों ने पिछले 3 दिन में पार्टी छोड़ी है। इसी वजह से पार्टी को अपने शेष 65 विधायकों को शनिवार को अंबाजी, राजकोट और वडोदरा के पास तीन रिसॉर्ट में रखना पड़ा। कांग्रेस नेताओं ने पुष्टि की है कि 65 विधायकों को राजकोट के नील सिटी रिसॉर्ट में, पड़ोसी कांग्रेस शासित राजस्थान में वाइल्ड विंड्स रिसॉर्ट में और वड़ोदरा के पास अराइज रिवरसाइड फॉर्महाउस में रखा गया है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि राजकोट के नील सिटी में लगभग 40 विधायकों को रखा गया है और शेष दो अन्य स्थानों पर हैं। नील सिटी रिसॉर्ट कांग्रेस नेता इंद्रनील राज्यगुरु के स्वामित्व में है, जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों में सीएम विजय रूपानी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
3 साल में 3 बार विधायकों को बचाना पड़ा
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के अनुसार, यह कदम तब उठाया गया जब इस बात की प्रबल संभावना थी कि कांग्रेस के दो और विधायक, जो नेतृत्व से असंतुष्ट हैं वो राज्यसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। तीन साल से कम समय में यह तीसरी बार है, और तीन महीने में दूसरी बार जब कांग्रेस को अपने गुजरात के विधायकों को बचाव के लिए सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। 2017 के राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में ले जाना पड़ा था। वहीं 5 विधायकों के इस्तीफे के मद्देनजर इस साल मार्च में कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान भेजा। बाद में राज्यसभा चुनाव कोरोना की वजह से स्थगित कर दिया गया था और अब नई तारीख 19 जून का ऐलान हुआ है। अब 3 दिन में 3 विधायकों के इस्तीफे के बाद एक बार फिर विधायकों को होटल-रिसॉर्ट में रखना पड़ा है।
कांग्रेस विधायक गुलाब सिंह राजपूत ने कहा, 'राज्यसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। कोई भी विधायक पार्टी से नाता तोड़ने वाला नहीं है। केवल जो लोगों को धोखा देना चाहते थे, उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। जिन लोगों ने लोगों के जनादेश का अपमान किया और पार्टी छोड़ दी उनको माफ नहीं किया जाएगा।'
2 सीटें जीतना हुआ मुश्किल!
182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं और कांग्रेस के पास अब 65 बचे हैं। दस सीटें अदालतों के मामलों तथा इस्तीफों के कारण खाली हैं, जबकि बीटीपी के पास दो विधायक, एनसीपी के पास एक और एक विधायक निर्दलीय है। एक उम्मीदवार को जीत हासिल करने के लिए 35 प्रथम वरीयता वाले वोटों की आवश्यकता होगी। कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 65 हो जाने के बाद पार्टी को दो राज्यसभा सीटें जीतने में मुश्किल आ सकती है। उसने वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी और शक्तिसिंह गोहिल को उतारा है। हालांकि गुजरात कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी की पहली पसंद होंगे।