- ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे और कोर्ट कमिश्नर पर फैसला
- मुस्लिम पक्षकारों को मौजूदा कोर्ट कमिश्नर पर ऐतराज
- तहखाने तक घुसने की इजाजत नहीं दी मुस्लिम पक्षकारों ने
10 और 11 मई की सुनवाई के बाद ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे और कोर्ट कमिश्नर के मुद्दे पर वाराणसी की जिला एवं सत्र न्यायालय अहम फैसला सुना दिया। मुस्लिम पक्षकारों की कोर्ट कमिश्नर को बदले जाने की मांग को अदालत ने ठुकरा दिया। इसका अर्थ यह है कि पुराने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा नहीं बदले जाएंगे। हालांकि मौजूदा कोर्ट कमिश्नर के अलावा दो और कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की जाएगी। सर्वे का काम 17 मई तक संपन्न होगा। यही नहीं मस्जिद के तहखानों को खोला जाएगा। 17 मई तक सर्वे की रिपोर्ट को पेश किया जाएगा। सर्वे का काम जिलाधिकारी वाराणसी के निर्देशन में संपन्न होगा।
अदालत के फैसले के खास अंश
- अब तीन सदस्यों की टीम करेगी सर्वे
- 17 मई तक ज्ञानवापी का होगा सर्वे
- सर्वे के दौरान किसी तरह की बाधा नहीं होनी चाहिए
- बाधा डालने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो।
- कमीशन को कार्रवाई पूरी करने का निर्देश
- पुराने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा बने रहेंगे
- एक और और कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति
- मस्जिद के तहखानों को खोला जाएगा।
ये थे कुछ अहम सवाल
- न्यायालय से किस पर शासन करने की अपेक्षा की जाती है:
- क्या अधिवक्ता आयुक्त जो मस्जिद समिति के अनुसार पक्षपातपूर्ण हैं, उन्हें बदला जाएगा
- अगर स्पष्ट आदेश के बावजूद एडवोकेट कमिश्नर को मस्जिद के अंदर नहीं जाने देने पर कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने पर मस्जिद पैनल के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
- सर्वेक्षण फिर से शुरू होने की तिथि
- क्या बेसमेंट को अनलॉक करने की दिशा होगी ताकि बेसमेंट में वीडियोग्राफी हो सके
- क्या मस्जिद कमेटी के अनुरोध और हिंदू पक्ष की सहमति के अनुसार न्यायाधीश स्वयं अधिवक्ता आयुक्त के साथ जाएंगे?
स्थानीय अदालत के आदेश के बाद सर्वे
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के लिए वाराणसी की स्थानीय अदालत ने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की थी। लेकिन मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट कमिश्नर की भूमिका पर ऐतराज जताया था। पक्षकारों का कहना है कि कोर्ट कमिश्नर का रवैया भेदभाव पूर्ण है। यह बात अलग है कि उन्होंने कहा कि नियम के तहत जो जिम्मेदारी उन्हें मिली थी उसे ईमानदारी से निभाने की कोशिश की है।
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