- किसानों के आंदोलन का 17वां दिन, एमएसपी पर गतिरोध कायम
- केंद्र सरकार की एक बार फिर अपील, वार्ता के लिए आगे आएं किसान
- किसान संगठनों का कहना है कि संशोधन की जगह केंद्र सरकार कृषि कानून को पूरी तरह वापस ले
नई दिल्ली। एमएसपी और मंडी समिति के मुद्दे पर किसान संगठन झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को जब तक वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा। इस मुद्दे पर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी कह चुके हैं कि अगर एमएसपी पर केंद्र सरकार निर्णायक फैसला नहीं लेती हैं तो उनके लिए सख्त कदम उठाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहेगा। इस मुद्दे पर शनिवार को वो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मिले।
28 से 40 घंटे में निर्णायक फैसले की उम्मीद
केंद्र सरकार के दिग्गज मंत्रियों से मुलाकात के बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर गंभीर है। उन्हें उम्मीद है कि अगले 28 से 40 घंटे के भीतर इस विषय पर निर्णायक फैसला आ सकता है। वो केंद्र के आला मंत्रियों से मिले और उन्हें उम्मीद है कि निश्चित तौर पर सार्थक नतीजा आयेगा। जहां तक किसानों की बात है उन्हें टकराव का रास्ता छोड़कर संवाद कायम रखना चाहिए।
नहीं तो दे दूंगा इस्तीफा
दुष्यंत चौटाला ने इससे पहले कहा था कि उनकी पार्टी पहले ही साफ कर चुकी है कि किसानों को एमएसपी मिलनी ही चाहिए। केंद्र सरकार ने जो लिखित प्रस्ताव दिए समे एमएसपी शामिल है। वो जब तक हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं वो तब तक किसानों की हक की बात करते रहेंगे। उनकी कोशिश है कि एमएसपी के मुद्दे पर सार्थक नतीजा आए। अग वो ऐसा करने में अक्षम साबित होंगे तो इस्तीफा देने से गुरेज नहीं करेंगे।