पश्चिम बंगाल में विधानससभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में जुबान की तुर्शियां तेज हो गई हैं और सत्ता और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। ताजा मामले में शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बोलने से ममता ने इंकार कर दिया क्योंकि उस समारोह में ‘जय श्री राम’ के नारे लगे थे। इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है और ममता के विरोधियों और समर्थकों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुति दी तो वहां मौजूद लोगों के रवैये ने उस वक्त राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नाराज कर दिया, जब उन्हें संबोधन के लिए बुलाया गया। जैसे ही मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया, दर्शकों में से कुछ लोगों ने 'जय श्रीराम' के नारे लगाए तो वे उन्होंने सीएम को बुलाने पर ऐतराज भी जताया, वे हाथों से इसकी मनाही करते देखे गए।
इन सबके बावजूद सीएम ममता बनर्जी मंच पर आईं, पर बिना कुछ बोले चली गईं। उन्होंने केवल इतना कहा कि किसी को आमंत्रित कर बेइज्जत करना केंद्र सरकार को शोभा नहीं देता।
अपने संबोधन का अंत उन्होंने यह भी कहा कि इस मंच से वह कुछ नहीं कहेंगी। आखिर में वह 'जय हिंद, जय बांग्ला' बोलकर चली गईं। पश्चिम बंगाल की सीएम को यहां प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले बुलाया गया था।
इस मुद्दे पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुये कहा कि उनके लिये ‘जय श्री राम’ का नारा 'सांड को लाल कपड़ा दिखाने के समान' है और यही कारण है कि कोलकाता के समारोह में उन्होंने अपना भाषण रोक दिया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित समारोह में ममता ने भाषण देने से मना कर दिया जब वहां मौजूद भीड़ के एक वर्ग ने जय श्री राम का नारा लगाया।
ममता ने कहा कि इस तरह का ‘अपमान’ अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, 'यह सरकार का कार्यक्रम है न कि राजनीतिक कार्यक्रम। गरिमा होनी चाहिये । यह ठीक नहीं है कि किसी को बुला कर उसका अपमान किया जाना जाये। मैं नहीं बोलूंगी।जय बांग्ला।जय हिंद ।'
वहीं बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इस पूरे मुद्दे पर तंज करते हुए कहा, ''जय श्रीराम' नारे पर नाराज होना ममता बनर्जी की सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। चुनाव होने वाले हैं ममता को अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए इस मंच का उन्होंने सिर्फ फायदा उठाया है। सिर्फ राम के नारे की वजह से ममता बनर्जी का भाषण देने से मना कर देना उनकी हताशा को जाहिर करता है।''
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इसे बंगाल के महापुरुषों का अपमान बताया,ममता बनर्जी ने बोलने से इनकार करके बंगाल के महापुरुषों का अपमान किया है वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रजा ने भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।
मोहसिन रजा ने कहा है, ''ममता बनर्जी को अब राम के नाम से भी अपमान महसूस होता है। अगर ममता जी जय श्रीराम, भारत माता की जय और वंदे मातरम सुनकर इतना अपमानित महसूस कर रही हैं तो सोचिए देश की जनता ममता बनर्जी की इस मानसिकता से कितना अपमानित महसूस कर रही होगी। ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल जल्द ही इसका जवाब देगी।''
ममता बनर्जी के समर्थन में टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने कहा, राम का नाम गले लगाकर बोलें न कि गला दबाके। वहीं तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद डेरेक ओ' ब्रायन ने कहा, आप असभ्य लोगों को मर्यादा नहीं सिखा सकते हैं।